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 आशा है तो सब कुछ है  बहुत कठिन समय है आज,  आशा के साथ बिताना है,  आशा के दीपक को जलाकर,  अंधेरा दूर मिटाना है,  हर तरफ है भय का साम्राज्य,  उसको दूर भगाना है, आशा की किरण जलाना है,  हर चुनौती को लेकर चलना है,  परेशानी से ना घबराना है,  जीवन के हर संकट को  हराकर,  आशा का दीप जलाना है,  लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला कर,  घर-घर आशा का दीप जलाना है,  बस कुछ ऐसा कर जाना है,  लोगों को मुस्कान दे जाना है,  सबके जीवन में उजाला लाकर,  आशा  का दीप जलाना है। । गरिमा लखनवी

और अनुराग चला गया

  क्या हुआ जो उसके पैर में चोट लगी,  क्या हुआ जो उसको एडमिट नहीं किया,  वो लडता रहा जिन्दगी से जीने के लिए,  पर हार गया वह अपनी जिंदगी से, सबसे बडा दर्द यही है कि जिस अस्पताल में काम किया,  वही उसकी सुनवाई न हुई,  एक हसमुख इंसान हमारे बीच से चला गया,  दिल मे दर्द है आखे भी नम है,  अब कहाँ पायेंगे आपको, जहां रहिये खुश रहिये आप, यही प्रार्थनाकरते है हम सब,  बहुत याद आयेंगे आप। । गरिमा लखनवी

जय माता दी

 जय माता दी मां तुम आ जाओ फिर से इस धरती पर, बहुत अत्याचार हो रहा है इस धरती पर,  सब के दुख मिटा जाओ, रोग ताप  संताप मिटा जाओ, सब दुखियारे  हैं जन इस धरती पर,  अपनी महिमा का जलवा दिखा जाओ इस धरती पर, कन्याओं के साथ अत्याचार हो रहा, बहुओं को जला दिया जा रहा है, काली का रूप दिखा जाओ इस धरती पर, चंडी बन कर आ जाओ इस धरती पर, मां तुम आ जाओ फिर से इस धरती पर।। गरिमा लखनवी

पति को कैसे समझाए प्यार से तकरार से या अधिकार से

शादी के बाद हर लड़की यही चाहती है कि मेरा पति मुझसे प्यार करें, मेरी हर बात माने और किसी को चीट ना करें। हर पत्नी यह भी चाहती है कि मेरा पति मेरे साथ समय बताएं अगर वह ऐसा नहीं करता है तो पत्नी के दिल को बहुत ठेस पहुंचती है अंदर छोटी-छोटी बातों पर पति रूठ जाता है तो उसे कैसे मनाना चाहिए?   पत्नी की हर बात को समझना होगा और पति को भी यह समझना होगा कि हम दोनों साइकिल के दो पहिए हैं। पति को प्यार से समझाना चाहिए। पति अगर प्यार से ना समझे तब उसके साथ थोड़ी सी नोकझोंक करनी चाहिए। पति की हर जरूरत को समझना चाहिए।     पति की  हर इच्छा को पूर्ण करना चाहिए। पति को हर समय डांटने के लहजे में नहीं समझाना चाहिए पति को प्यार से समझाना चाहिए और अगर पति आपकी बातों को ना माने तो उसे अधिकार पूर्ण समझाना चाहिए। पति के परिवार को अपना परिवार समझना चाहिए और उनको पूर्ण सम्मान देना चाहिए परिवार के हर सदस्य की केयर करनी चाहिए जिसको देखते देख कर पतिदेव प्रसन्न हो जाते हैं। पति अगर टेंशन में हो तो उसकी बातों को सुनना चाहिए समझना चाहिए और उसे सही रास्ता दिखाना चाहिए। पति पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है और उसे प

डिपेरशन क्यों होता है

डिप्रेशन क्यों होता है? यह बहुत ही विचारणीय प्रश्न  है जब कोई दुखो में डूब जाता है, सारी  दुनिया उसे काली लगने लगती है, तब  व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। अवसाद का अर्थ मनोभावों से सम्बन्धी दुःख से होता है। अधिकतर यह देखा गया की जो प्रेम में ज्यादा डूबा है, और उसे उसका प्रेम नहीं मिला है, तो वह अवसाद में डूब जाता है। अवसाद की अवस्था में व्यक्ति स्वयं को लाचार समझता है, प्रेम ही नहीं वरन आज की परिस्थियों को देखते हुए बहुत सारे  कारण  अवसाद के होते है। अवसाद के कारण   नींद  नहीं आती है। विश्व सवास्थ्य संगठन के अनुसार अवसाद बहुत सामान्य बीमारी है। इस बीमारी का समय ६-८ महीने रहता है, अगर आपके किसी बहुत प्रिय की मृत्यु हो जाये और आप दुखी है, तो यह स्वाभाविक प्रक्रिया है, और उसके दुःख में आप बहुत भावुक रहते है तो आप अवसाद का शिकार होते है। अगर आप जीवन में खालीपन महसूस कर रहे है तो अवसाद में है एक सर्वे के अनुसार महिलाओ को  जल्दी अक्साद होता है पुरुषो के अपेक्षा मानसिक रोग पागलपन नहीं है           जब कोई अवसाद का शिकार हो तो उसे गाना  सुनना चाहिए, मस्ती करनी चाहिए। जीवन के हर क्षण  क

पेड़ और बारिश की व्यथा

पेड़ और बारिश का सम्बन्ध भी कैसा है, दोनों एक दुसरे के पूरक है, पेड़ो को काट रहे है बारिश  की मार झेल रहे है कौन बचाएगा पेड़ पोधो को जिनको मानव काट रहा है पक्षी घर कैसे बनायेंगे फिर पक्षी को कौन बचाएगा धरती पर पेड़ पौधे  न होंगे तो जीवन कैसे बचेगा पेडो   के काटने से खतरा बढ़ रहा है एक समय होगा न बारिश  होगी न पौधे होंगे कही गर्मी की मार पड रही है कही बरसात बहुत हो रही है बहुत मार झेल रही है प्रकृति पेड़ पौधे हमारी धरोहर है हरियाली मन को अच्छी लगती है अगर हम न सुधरे तो आने वाली पीढ़ी  हरियाली कैसे देखेंगी पेड़ न होगी तो सावन में गोरी झूले कैसे झुलेगी गरिमा

रंगीन शाम

शाम जब होती है, बहुत रंगीन होती है। ढलती हुई शाम भी कुछ कहती है, परिंदे भी घर को जाते है, शाम एक आनंद लेकर आती है। दिन भर की थकान दूर हो जाती है, जिंदगी में भी एक शाम आती है, जब हम बूढ़े होते है, फिर याद आती है, हर एक उस पल की, जब हम बच्चे  थे, कैसी कैसी शरारते करते थे, हर वह बात याद आती है, जिंदगी की उस शाम तुम भी बहुत याद आ रहे थे, जब वारिश मेरा तन मन भिगो रही थी, कह रही थी यह शाम यही ठहर जाए, मैं जी लूं कुछ और देर, क्या पता कब जीवन की शाम हो जाए।। गरिमा

जीने का हक़

मैं  भी औरत हूँ क्या मुझे भी जीने का हक़ है खुद का अस्तित्व मिटाकर किसी का घर बसाती  हूँ घर की सारी जिमेदारियो को उठाती हूँ हर युग में मुझे ही सारी परीक्षा देनी पड़ती है क्या मुझे भी जीने का हक़ है ममता की मूरत हूँ , सबका ध्यान रखती हूँ फिर भी मेरे हर अरमान कोदबा  दिया जाता है मुझे माँ की गुड़िया समझा जाता है क्या मुझे भी जीने का हक़ है मेरा हर कदम पर अपमान  किया जाता है मुझे हर समय छला गया मेरे हक़ में मुझे कुछ नहीं मिला कब तक बेड़िया पैरों में पड़ी रहेगी क्या मुझे जीने का हक़ नहीं है मैं भी जीना चाहती हु मैं अपना सम्मान चाहती हु मैं आसमान में उड़ना चाहती हु बेड़ियों को तोड़कर उड़ जानाचाहती  हु मुझे भी जीने का हक़ है गरिमा

राधा कृष्ण का प्रेम

प्रीत की रीत ऐसी लगी कान्हा, अब छूटे से न छूटेगी।  मैं  दुनिया के हर सुख दुःख भूली,  कृष्ण अब तेरा ही सहारा है।  दुनिया में प्रेम की कमी हो गयी,  कृष्ण तुम वापस आ जाओ।  हम तुम से ये विनती करते है, राधा के पास आ जाओ।   कृष्ण का प्यार अमर है,  राधा ने दिल  का नज़राना भेजा है।  दही मिश्री तुम्हे बुलाती है , बासुरी की धुन याद दिलाती है।  वन वन हम भटक रहे है,  तुम गाय चराने  आ जाओ,  राधा तुम्हारी राह देख रही है।  उसकी पास तुम आ जाओ,  राधा को कृष्ण की यादो ने घेर लिया,  तुम उसके सपने सजा जाओ।।  गरिमा 

चलो गांव की ओर

आओ सब गांव की और चले, जहा खेतो में हरियाली हो , जहा मंद मंद हवा चले, जहा चारो और खुशिया बिखरी हो, सब एक जगह पर बैठे हो, सब एकदूसरे का हाल कहे, आओ सब गांव की ओर चले, वो पुराना  बरगद का पेड़ बहुत याद आता है वो बचपन के झूले वो दादी का प्यार गांव की याद दिलाता है वो बैलगाड़ी की सवारी वो कुँए से पानी भरना वो आम तोड़ तोड़ कर खाना गांव की याद दिलाता है आओ सब गांव की और चले जहा मंद मंद हवा बहे गरिमा

सुनहरे ख्वाब

सुनहरे ख्वाब शीशे की तरह होते है झूठे रिश्तो को कब तक निभाएंगे मीठी यादें  हमको तड़पाएंगी तकिये की किनारे भिगोएगी एक दिन टूटेगा भ्रम का जाल सारे सुनहरे ख्वाब टूट जायेगा रिश्तो की डोरी मजबूत बाँधी  है एक दिन पर्दा उठेगा और डोर टूट जाएगी फिर क्या करेंगे उन सुनहरे ख्वाबो का जो आज हम  बुन  रहे है आँख खुल गयी और ख्वाब टूट गया सुनहरा ख्वाब है हमारा रिश्तो में हमेशा मिठास रहे हर तरफ हंसी का माहौल रहे आँख खुली तो देखा शीशा टूट गया हर सुनहरा ख्वाब टूट के बिखर गया गरिमा

गुनहगार

प्यार करना अगर गुनाह है तो में गुनहगार हु, माँ पिता की  सेवा करना करना गुनाह है तो में गुनहगार हु, बड़ो की बात मानना अगर गुनाह है तो में गुनहगार हु प्रकृति से प्यार करना अगर गुनाह है तो में गुनहगार हु सेवा करना अगर गुनाह है तो में गुनहगार है जिनगी जीना अगर गुनाह है तो में गुनहगार हु हा में गुनहगार हु मैं  सबकी भलाई सोचती हु  गिरते को बचना अगर गुनाह है तो में गुनहगार हु बच्चो को प्यार करना अगर गुनाह है तो में गुनहगार हु प्यार करना अगर गुनाह है तो में गुनहगार हु गरिमा

ज्योतिष और विज्ञानं

वेद का छठा अंग ज्योतिष है। ज्योतिष कभी अंध विश्वास नहीं सिखाता है। ज्योतिष समय का विज्ञान है]जहा से विज्ञान समाप्त होता है ज्योतिष वही से शुरू होता है।  ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है विज्ञान को मुख्य रूप से भौतिक,रसायन,और जीव  विज्ञानं समझा जाता है। ज्योतिष और वेद हमें ज्ञान की अंतिम अवस्था में ले जाते है। जिसमे ज्योतिष मार्गदर्शन करता है। ज्ञान की इस अंतिम अवस्था को कर्म सायंस योग कहा जाता है। आज का विज्ञानं हमें ज्ञान केरास्ते पर ले जाता है, जो अन्नंत है। विज्ञानं पहले विचार करता है,फिर अध्यन और अवलोकन करता है, उसके बाद भौतिक सत्यापन करता है।                ज्योतिष एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से भविष्य जाना जा सकता है। इसके अलावा दुनिया में ऐसा कोई भी अन्य माध्यम नहीं है। विज्ञानं से ज्योतिष को अलग ही समझना चाहिए। ज्योतिष और वर्तमान विज्ञानं की तुलना करना चाहे भी तो नहीं हो सकती। ज्योतिष काफी अधिक विकसित और अधिक विस्तृत्त है। शिक्षा,कल्प,व्याकरण,निरुक्त,छंद और ज्योतिष वैदिक ज्ञान के ६ अंग बने। ज्योतिष गणित है और गणित अन्धविश्वास नहीं होती। प्राचीन काल से ही भारत के साथ अन्य देशो क

सहयोग अधूरा है

तुम सहयोग करो, यही तमन्ना करते है। हर पल तुम साथ रहो, यही कामना करते है।। तुम्हारे सहयोग से मैं, जीवन का हर रास्ता पार  कर लूँगी। तुम्हारे बिना मैं क्या  सोचू  जीवन वीरान  लगता है।। नदियों के सहयोग बिना सागर नहीं बनता है। तुम्हारे सहयोग बिना परिवार नहीं बनता है।। फूलो का खिलने का समय बहुत सुहाना होता है। हर फूल गुलाब की तरह प्यारा होता है।। सबके सहयोग से  बनती है परिवार रुपी बगिया। गर एक भी छूट जाये तो परिवार अधूरा रहता है।। गरिमा

हम सब मजदूर है

हम सब मजदूर है कोई अपने परिवार के लिए मजदूर है कोई सरकार  के लिए मजदूर है कोई अपने बच्चो के लिए मजदूर है मजदूरी में कोई बुराई नहीं है मजदूरी तो श्रम है या कोई परिश्रम है कोई मंदिर में मजदूर हैं पुजारी भी तो मजदूर होते है सब  पेट के लिए मजदूर है मजदूरी केवल खेतो में नहीं होती है ` हर मजदूर भगवन का प्यारा होता है न कोई चिंता न फ़िक्र होली दिवाली सब उसकी एक जैसी होती है मजदूरी का आलम ये होता है घर पहुंचकर बच्चो का  मजदूर होता  है मजदूर  ही सपना देखता है उनको पूरा भी वही करता है हम सब मजदूर है हर कोई  मजदूरी कर रहा है मजदूर अपनी मर्जी का मालिक होता है मजदूर महान होता है गरिमा

मौन दीवार

दीवार कुछ नहीं कहती है, हमेशा मौन रहती है, बहुत कुछ सीखा है इससे मौन रहकर कैसे  करते है काम अपने सरे सुख दुःख कहती हु, मेरे सरे रंग देखे है मेरा लड़ना झगड़ना देखा है मेरा अपमान देखा है, मेरा स्वाभिमान भी देखा है मेरी हर ख़ुशी की साथी रही है, दीवार बनी  है चटान बनकर मुझे बहुत हौसला देती है मेरा प्यार देखा है, मेरी मासूमियतदेखी  है, तूफानों से लड़ना सिखाती है दीवार  से हमेशा सीखा है मैंने मौन रहकर सहनशील बनो गरिमा