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जिंदगी से प्यार

  तुम जिंदगी से  क्यों हार मान गए गये  ऐसे तो न थे तुम, जिंदगी को जीने वाले थे तुम सबको हँसना सिखाते थे तुम और  आज खुद ही रो दिए। क्या हुआ जो कोई छूट गया? क्या हुआ जो दिल गया ?  पर खुश रहना आता था तुमको चाहे कोई भी समय हो जिंदगी हराने का नाम नहीं है जिंदगी लड़ने का नाम है चाहे  कुछ भी हो जाये तुम खुश रहोगे तुम्हारी पहचान तुम्हारा हसमुख स्वाभाव है तुम नहीं तो कुछ नही नहीं है सारी  खुशिया तुमसे ही है क्या हुआ जो कोई दुःख आया तुम इतना हिल गए दुःख एक काली रात है  उसे भूलकर फिर से मुस्कुराओ