चलो गांव की ओर
आओ सब गांव की और चले, जहा खेतो में हरियाली हो , जहा मंद मंद हवा चले, जहा चारो और खुशिया बिखरी हो, सब एक जगह पर बैठे हो, सब एकदूसरे का हाल कहे, आओ सब गांव की ओर चले, वो पुराना बरगद का पेड़ बहुत याद आता है वो बचपन के झूले वो दादी का प्यार गांव की याद दिलाता है वो बैलगाड़ी की सवारी वो कुँए से पानी भरना वो आम तोड़ तोड़ कर खाना गांव की याद दिलाता है आओ सब गांव की और चले जहा मंद मंद हवा बहे गरिमा