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सहयोग अधूरा है

तुम सहयोग करो, यही तमन्ना करते है। हर पल तुम साथ रहो, यही कामना करते है।। तुम्हारे सहयोग से मैं, जीवन का हर रास्ता पार  कर लूँगी। तुम्हारे बिना मैं क्या  सोचू  जीवन वीरान  लगता है।। नदियों के सहयोग बिना सागर नहीं बनता है। तुम्हारे सहयोग बिना परिवार नहीं बनता है।। फूलो का खिलने का समय बहुत सुहाना होता है। हर फूल गुलाब की तरह प्यारा होता है।। सबके सहयोग से  बनती है परिवार रुपी बगिया। गर एक भी छूट जाये तो परिवार अधूरा रहता है।। गरिमा

हम सब मजदूर है

हम सब मजदूर है कोई अपने परिवार के लिए मजदूर है कोई सरकार  के लिए मजदूर है कोई अपने बच्चो के लिए मजदूर है मजदूरी में कोई बुराई नहीं है मजदूरी तो श्रम है या कोई परिश्रम है कोई मंदिर में मजदूर हैं पुजारी भी तो मजदूर होते है सब  पेट के लिए मजदूर है मजदूरी केवल खेतो में नहीं होती है ` हर मजदूर भगवन का प्यारा होता है न कोई चिंता न फ़िक्र होली दिवाली सब उसकी एक जैसी होती है मजदूरी का आलम ये होता है घर पहुंचकर बच्चो का  मजदूर होता  है मजदूर  ही सपना देखता है उनको पूरा भी वही करता है हम सब मजदूर है हर कोई  मजदूरी कर रहा है मजदूर अपनी मर्जी का मालिक होता है मजदूर महान होता है गरिमा

मौन दीवार

दीवार कुछ नहीं कहती है, हमेशा मौन रहती है, बहुत कुछ सीखा है इससे मौन रहकर कैसे  करते है काम अपने सरे सुख दुःख कहती हु, मेरे सरे रंग देखे है मेरा लड़ना झगड़ना देखा है मेरा अपमान देखा है, मेरा स्वाभिमान भी देखा है मेरी हर ख़ुशी की साथी रही है, दीवार बनी  है चटान बनकर मुझे बहुत हौसला देती है मेरा प्यार देखा है, मेरी मासूमियतदेखी  है, तूफानों से लड़ना सिखाती है दीवार  से हमेशा सीखा है मैंने मौन रहकर सहनशील बनो गरिमा