पति को कैसे समझाए प्यार से तकरार से या अधिकार से

शादी के बाद हर लड़की यही चाहती है कि मेरा पति मुझसे प्यार करें, मेरी हर बात माने और किसी को चीट ना करें। हर पत्नी यह भी चाहती है कि मेरा पति मेरे साथ समय बताएं अगर वह ऐसा नहीं करता है तो पत्नी के दिल को बहुत ठेस पहुंचती है अंदर छोटी-छोटी बातों पर पति रूठ जाता है तो उसे कैसे मनाना चाहिए?   पत्नी की हर बात को समझना होगा और पति को भी यह समझना होगा कि हम दोनों साइकिल के दो पहिए हैं। पति को प्यार से समझाना चाहिए। पति अगर प्यार से ना समझे तब उसके साथ थोड़ी सी नोकझोंक करनी चाहिए। पति की हर जरूरत को समझना चाहिए।
    पति की  हर इच्छा को पूर्ण करना चाहिए। पति को हर समय डांटने के लहजे में नहीं समझाना चाहिए पति को प्यार से समझाना चाहिए और अगर पति आपकी बातों को ना माने तो उसे अधिकार पूर्ण समझाना चाहिए। पति के परिवार को अपना परिवार समझना चाहिए और उनको पूर्ण सम्मान देना चाहिए परिवार के हर सदस्य की केयर करनी चाहिए जिसको देखते देख कर पतिदेव प्रसन्न हो जाते हैं। पति अगर टेंशन में हो तो उसकी बातों को सुनना चाहिए समझना चाहिए और उसे सही रास्ता दिखाना चाहिए। पति पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है और उसे प्यार की डोरी मान दी रखती है। पति ऑफिस से आए और बहुत बड़ी टेंशन बार-बार उसकी टेंशन पूछ कर उसे बढ़ाने नहीं चाहिए। घर का माहौल बहुत ही सौहार्दपूर्ण होना चाहिए। यह एक पत्नी पर ही निर्भर करता है कि घर का माहौल कैसा रहेगा। कुछ पति या पत्नी एक दूसरे को समझने की कोशिश ही नहीं करते हैं ऐसे में बहुत ही गंभीर स्थिति हो जाती है, ‌ ऐसे में एक दूसरे के साथ रहना मुश्किल हो जाता है वही कारण तलाक का होता है परंतु एक अच्छे अच्छे पति पत्नी एक दूसरे को समझ कर एक दूसरे की बातों को मानकर एक दूसरे का सम्मान कर के आपस में एक शांतिपूर्ण माहौल घर में रख सकते हैं। पति और पत्नी का सामंजस्य कुछ सालों का नहीं बल्कि जीवन के अंतिम क्षण तक होता है जब बुढ़ापा आता है तब पत्नी या पति की जरूरत ज्यादा समझ में आती है।
   पति से हमेशा सामंजस्य बना कर चलना चाहिए और उनकी हर चीज को समझ कर आगे बढ़ना चाहिए उनकी हर बात को मानना हो चाहिए और पतियों को भी पत्नी से एक मधुर संबंध बनाकर रखना चाहिए क्योंकि पति पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं और अगर एक गड़बड़ हो गया तो पूरी गाड़ी गड़बड़ हो जाती है। आजकल के माहौल को देखते हुए यह कहना गलत ना होगा की आजकल एक दूसरे से सामंजस्य बनाना बहुत मुश्किल से हो गया है। फिर भी कुछ लोग उस चीज को निभा रहे हैं पति पत्नी को एक दूसरे से प्यार तकरार और अधिकार पूर्वक एक दूसरे को मनाना चाहिए और एक-दूसरे की जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए। कई बार ऐसा भी देखा गया है की दोनों मियां बीवी पैसे कमाने की धुन में अपने परिवार को पीछे छोड़ देते हैं जिसके कारण दोनों में मनमुटाव होने लगते है। ऐसी स्थिति होने पर सामंजस्य बना कर चलना ही समझदारी है। पति को अपने बीवी बच्चों की जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए जिससे उन्हें यह न लगे कि वह उनको नेगलेक्ट कर रहे हैं परिवार से अच्छी कोई चीज नहीं होती और मां पापा से बढ़कर कुछ नहीं होता।
ऐसे ही अगर एक दूसरे को समझ कर चले तो जीवन में दोनों के प्यार ही प्यार रहेगा लड़ाई की कोई जगह नहीं रहेगी और सभी जगह खुशहाली होगी।
गरिमा लखनऊ

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