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योग दिवस

   आओ हम सब योग करे, अपनी जिंदगी को निरोग करे, तन मन स्वस्थ रहे हमारा, आओ यह संकल्प करे, ऋषि मुनियों ने समझाया, फिर भी हमको समझ ना आया, शरीर योग  से स्वस्थ रहे हमारा, यह हमको अब समझ में आया, मानव मन को समझाना होगा, योग की अलख जलाना होगा, सबको योग का महत्व समझाना होगा, इसमे ना कोई खर्चा ना कोई जीम , पार्क या घर पर चटाई बिछा कर, योग करे सब मिलजुलकर, जीवन मिला बड़े नसीब से, इसका भी ध्यान रखें हम, योग दिवस का करे सम्मान, यही बिडम्बना है हम सब की, हमने योग बहुत बाद में अपनाया, योग दिवस की बहुत बहुत बधाई। । गरिमा लखनवी

पिता जीवनदाता

   पिता  जीवनदाता होते है, माँ की तरह प्यारे होते है,  माली की तरह सीचा हमको,  सब दुखो से बचाकर रखा हमको,  जैसे  पॊधो  को माली सम्हालते है, वैसे पिता हमें सम्हालते है, पिता हर बात हमारी पूरी करते हैं,  अपने भूखे रहकर भी वो पेट हमारा भरते है, पिता दुखो की परछाई भी हम पर  पड़ने नहीं  देते हैं,  पिता से ही बच्चो  का दुलार है, पिता से हर त्यौहार है पिता से ही माँ का सुहाग है, पिता से ही जीवन का  संचार है, पिता नहीं तो जीवन अनाथ है, पिता भगवान के बाद दूजा नाम है, पिता नहीं तो जीवन बेकार है, पिता ही जीवन की साँस है, पितृ दिवस पर उनको कोटि कोटि प्रणाम है। । गरिमा लखनऊ