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अटल तुम बहुत याद आओगे

आप  क्या गए सारा जग सूना हो गया ऐसा लगा सर से साया चला गया, आप हमको बताते थे नयी राह सारा जहा सूना सा हो गया, अब किसका मनाएंगे हम जन्मदिन वो सितारा जो तारा सा हो गया, जिसके जाने से रोई सारी  कायनात वो अटल हमारा  सा हो गया, समय तो रेत की तरह से फिसलता है हर वक्त करुण रुदन हमारा हो गया, अब किसकी आवाज़ हमें दिलायेगी जोश जो सबसे प्यारा था वो भगवन सा हो गया, आज तो देवताओ में लगी होगी होड जो भगवन देवताओ को प्यारा हो गया , आँख रो रही रही है, दिल में हाहाकार आज  जो हमारा प्यारा था वो भगवान का भी प्यारा हो गया, सूर्य भी स्तब्ध है उसकी मौत देखकर वो अटल हमारा संसार से विदा हो गया, अश्रुपूर्ण श्रदांजलि गरिमा

अश्रूपूर्ण श्रद्धांजलि अटल जी को

धरती रो रही है, आसमां रो रहा है , धरती से आज एक युग पुरुष विदा हो गया!! धरती रो रही है , आसमां रो रहा है, कितना प्यारा होगा वो युग पुरुष , कितना न्यारा होगा वो , जिसके लिए सम्पूर्ण राष्ट्र उसे बिदाई दे रहा है !! धरती रो रही है, आसमां रो रही है!! सब के दिलो में राज करने वाला , सब के दिलो में बसने वाला वो इंसान , आज उसके जाने से एक युग समाप्त हो गया है !! धरती रो रही है, आसमां रो रहा है, हम सबका एक प्यारा राजनेता , जो करता था सबके दिलो में राज, विपक्ष भी जिनका करता है सम्मान, ऐसा  है वो शख्स  महान, जिसके जाने से रोया पूरा हिन्दुस्तान !! धरती रो रही है,आसमां रो रहा है , धरती से एक युग पुरुष विदा हो गया !! अश्रुपूर्ण श्रदांजलि  -गरिमा 

सावन का सुहाना मौसम

सावन के  मौसम में तेरी यादो का आना उस पर बारिश  में भीग जाना पुरवाई की सोंधी सोंधी खुशबू  हर तरफ की फ़िज़ा महका रही है सावन की बूंदे ने छेड़ी है सरगम  मन के कोने में तेरी  यादो का आना मन के हर कोनो को महका जाना मेघो का गरजना और तेरा मेरी  बाहो में लिपट जाना सावन में लगता है प्यारा  सारी फ़िज़ाए धुली धुली नज़र आती है फूलो की खुशबु सारे जहा में फैल जाती है नींद उड़ जाती है चैन खो जाता है सावन में तेरी याद बहुत आती है सावन में काली बदिरा की राते भी प्यार का अहसास करा रही है सावन का भीगा भीगा मौसम बीते हुए लम्हो की याद दिला रहा है सावन की मौसम में तेरी यादो का आना मेरे मन के हर कोनो को महका रहा है -गरिमा