कारगिल दिवस
उस दिन की याद ताजा हो गई, जब मेरे बेटे का शरीर तिरंगे मे लिपटा हुआ आया था, उस तिरंगे के कोने में एक खत पाया था, मा तुम रोना नहीं तुझे कसम है मेरी, बहना से कहना तेरा भाई कब्र पर सो रहा है, वहाँ जाकर राखी बांध कर आ जाना, मैं वापस आऊंगा देश की रक्षा करने के लिए, हम जो चैन से सोते हैं, भारत मां के सपूत रोते हैं, हर मां धन्य हो गई तुम्हें पाकर, हर जवान देश पर कुर्बान हो गए , झुक गया है देश मा की महानता के आगे, बेटे की हिम्मत को भारत मा भी नमन कर रही हैं, हर बहन धन्य हो गए तुम्हारे जैसा भाई पाकर, हजारों बहनों की इज्जत बचाई, हर पिता का सीना गर्व से भर गया, दुश्मन को बता दिया हम कितने फौलाद हैं, हर दुश्मन ढेर हो गया कारगिल जाकर, कश्मीर नहीं देने देंगे हम उनको, हर पाकिस्तानी जान गया कारगिल युद्ध के बाद, भारत में शेर रहते हैं उनसे पंगा लेना आसान नहीं है ।। गरिमा लखनवी