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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
 मेरी लेखनी का आज उनको एक प्रणाम,  देश प्रेम किया जिन्होंने बिना थके बिना विराम,  आज मैं उनको याद हूं करती,  जिन्हें दुनिया सुभाष है कहती,  देशभक्ति का वो मतवाला, मातृभूमि की रक्षा करने वाला,  अपनी सूझबूझ और कूटनीति से,  जिसने क्रांति की मशाल जलाई,  बलिदानी सिरफिरे युवाओं में, फिर यह मशाल बुझने ना पाई,  इतिहास नया रच डाला था, अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी,  उसने ऐसा जोश भर डाला था, जिसने आजादी की नींव डाल दी थी आज मेरी कलम यह कहती,  आजादी के उन परवानों से,  गुलामी की जंजीर तो टूट चुकी,  पर खतरा है उन नाफरमानों से, फैला रहे जो अराजकता,  आतंकवाद का थामा है दामन जिननें,  देश का सौदा करने को,  मचल रहा है मन जिनका, आओ आज सुभाष के सपनों पर,  उनके सुझाए पथ पर चलकर,   आजाद हिन्द फौज का फिर से निर्माण करें,  देश में फैले अराजक तत्वों को , हम सब मिलकर दमन करें,  मां भारती कर रही करुण क्रंदन,  हे सुभाष आ जाओ अब धरती पर फिर से,  त्रास हरो फिर से जन मन के,   फिर से सब में जोश वो भर दो, देश प्रेम की भावना से सबको ओतप्रोत कर दो। है जन्मदिवस तुम्हारा आज,  है शत शत नमन हमारा आज,  मेरी लेखनी का लेख ये तु

नव वर्ष मंगलमय हो

  बादलो को चीर कर झांकता सूर्य  , धरती का तमस मिटाने को हो व्याकुल,  जैसे कह रहा हो हम सबसे, मै प्यार फैलाने आ गया हूँ धरती पर, दिलो मे पल रही नफरत को, मेरी रोशनी से कम कर दो,  आने वाले साल में,  नई उम्मीदें जागी है,  धरती पर खुशियां बिखरे,  ऐसी हम सब की कामना है,  मां भगवती  प्रार्थना करते है,   आने वाला साल,  सूर्य की तरह चमकता रहे,  चांद की तरह शीतल रहे,  फूलों की सुगंध बिखरती रहे,  पिछला साल बहुत दर्द भरा रहा,  ऐसा साल कभी ना आए,  सारे खुशी-खुशी नया साल मनाए,  नए साल की शुभकामनाएं।। गरिमा लखनवी