हर लम्हा तुहारी यादो का

हर लम्हा तुम्हारी यादो में गुजरता है,
तुम्हारे पास होने का अहसास दिलाता है,
तुम्हारी मीठी मीठी सी बातों का अहसास दिलाता है
तुम याद करते हो, तो सावन की याद आती है,
वो पहली बारिश में भीगना याद आता है
तुम्हारा अपने आप में खो जाना याद आता है
मदहोश करती है तुम्हारी वो नशीली आखे,
उन आखो में खो जाने को दिल चाहता है
तुम जिन रास्ते पर मेरे साथ साथ चले,
वो रास्ते आज भी बहुत याद आते है
हमारा वो चोरी चोरी मिलना एक दूसरे से,
वो प्यार भरी बरसातों में भीगना,
प्यार में बिताये हर अच्छे बुरे लम्हे,
बहुत याद आते है
यादो के झरोखों के हर मोती,
में समेटना चाहती हूँ
तुम्हारी  हर अच्छाई को अपना मंजर बनाकर,
हम उन अच्छाई में डूब जाना चाहते है
सदिया बीत जाती है किसी को अपना बनाने में,
हम तुम्हे अपना बनाना चाहते है
तुम्हारी प्यार भरी हर हरकत पर,
हम कुर्बान होना चाहते है  
गरिमा


टिप्पणियाँ

सुंदर प्रस्तुति । बहुत-बहुत बधाई ।
Nitish Tiwary ने कहा…
वाह बहुत सुंदर प्रेम की कविता।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
iwillrocknow.com

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