गुरु की महिमा

गुरु ने हमको सिखाया
सही राह पर चलना है,
गुरुवर ने दिया है ज्ञान
परोपकार,भाईचारा,मानवता,
का,
जो राह हमें दिखायी
वही हम ओरो को दिखाये
सच्चाई और सहानभूति को
आगे हम और बढ़ाये
गुरु की महिमा को
कोई न समझ पाया
कठिन डगर हो या काटो वाली
उस पर चलना सिखाया
जीवन के हर मोड़ पर
गुरु  के आदर्श जरुरी है,
न हो गुरु  जीवन में
तो जीवन अँधियारा है
माना है जग ने भगवान  से पहले
गुरु नाम तुम्हारा है,
जो राह दिखाई तुमने
उस पर चलते  जाना है,
चाहे हो काटो का सफ़र
हसकर बढ़ते जाना है
हे गुरु तुम्हे शत शत नमन   

टिप्पणियाँ

Darshan jangra ने कहा…
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - रविवार-8/09/2013 को
समाज सुधार कैसे हो? ..... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः14 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra





अरुन अनन्त ने कहा…
नमस्कार आपकी यह रचना कल रविवार (08-09-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
Rajendra kumar ने कहा…
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती।
बेहतरीन प्रस्तुति !!

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