मर्त्य देश के निवासी
हम जिस देश में रहते है
वो मर्त्य हो चुका है
सब जिन्दा लाश की तरह जी रहे है
अपराध बढ़ता जा रहा है
कोई बचाने वाला नहीं है
हर कोई ढूँढ रहा है
कोई बचने आ जाये
पर मरे हुए देश में कौन आएगा
हिंसा का है बोलबाला
राजा ही नहीं अच्छी है
तो प्रजा का क्या होगा
भगवान का नाम लेने वाले ही
माँ बहन की इज्जत लूट रहे है
क्या होगा ऐसे देश का
रखवाला ही लूट रहा है
कौन बचेयेगा
हम कैसे देश के निवासी है
ये सोचना होगा
वो मर्त्य हो चुका है
सब जिन्दा लाश की तरह जी रहे है
अपराध बढ़ता जा रहा है
कोई बचाने वाला नहीं है
हर कोई ढूँढ रहा है
कोई बचने आ जाये
पर मरे हुए देश में कौन आएगा
हिंसा का है बोलबाला
राजा ही नहीं अच्छी है
तो प्रजा का क्या होगा
भगवान का नाम लेने वाले ही
माँ बहन की इज्जत लूट रहे है
क्या होगा ऐसे देश का
रखवाला ही लूट रहा है
कौन बचेयेगा
हम कैसे देश के निवासी है
ये सोचना होगा
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