मदर टेरेसा


मदर टेरेसा—

जिन्हें संत की उपाधि से नवाज़ा गया,

26 अगस्त 1910 को

स्कोप्जे, उत्तरी मेसेडोनिया में

इस धरती पर उनका अवतरण हुआ।

अठारह वर्ष की अल्प आयु में

घर–परिवार त्यागकर

सेवा का संकल्प लिए

वे भारत की धरती पर आईं।

तीन सिद्धांतों पर टिकी थी उनकी दुनिया—

अच्छे कर्म,

जीवन के उच्च मूल्य

और सामुदायिक भावना।

सन् 1950 में कोलकाता में

उन्होंने “मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी” की स्थापना की,

जहाँ से करुणा, सेवा और प्रेम

दुनिया भर में फैलने लगे।

गरीबों, भूखों, बीमारों

और बेसहारा लोगों की सेवा में

उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित किया,

इसी कारण वे विश्वभर में सम्मानित हुईं।

मदर टेरेसा

दुखियों के लिए आशा की किरण बनीं,

और सन् 1979 में

नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त किया।

सन् 1980 में

भारत सरकार ने उन्हें

भारत रत्न से सम्मानित किया।

5 सितंबर 1997 को

वे इस नश्वर संसार से विदा हो गईं,

पर उनकी करुणा, सेवा और मानवता

आज भी जीवित है।

ऐसी महान आत्मा को

मेरा शत्-शत् नमन। 

गरिमा लखनवी

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