मेरा चाँद मुझ को नजर आया है
ए चांद तुम धरती पर जल्द आ जाओ, में सज सवर के तेरा इन्तज़ार करती हूं, तन मन से मै अपने पिया की मनभावन बाते सुनती हूं, साल की खट्टी मीठी बातें याद करती हूं, चाँद के आगोश में बिताए वो सुनहरे पल, उन पालो को याद कर यही प्रार्थना करती हूं, मेरा चांद रूपी पति हर पल मेरे पास रहे, मैने उनके लंबी उम्र के लिए व्रत किया है, पूजा की थाल सजाकर तेरा इन्तज़ार करती हूं, हर पल हर घड़ी तेरा अह्सास मेरे दिल में है, जब मै अपने पति के लिए सजती संवरती हूं, चाँद का दीदार कर पिया के हाथो पानी पीती हूं, हर पल यही दुआ है हर जन्म में तेरा साथ हो, सदा सलामत रहे हैं मेरा सिंदूर यही दुआ है अपने चांद से, मेरी जिन्दगी हर साँस मेरे पिया का है, मेरा चांद मुझे आया है नजर।। गरिमा लखनवी