संदेश

शिव की महिमा

  शिव ही शक्ति शिव ही भक्ति,  शिव ही पूजा शिव ही सर्वस्व, शिव के सर पर गंगा सोहे,  शिव के माथे चंद्रमा विराजे, शरीर पर भस्म लपेटे,  ऐसे शिव की आज बारात निकली है,  मां पार्वती आस लगाए बैठी है, शिव आकर ले जाएंगे, मेरी सब कामना पूरी होगी, करेंगे हम सब मिलकर रुद्राभिषेक,  शिव मंत्रो का जाप करके, जीवन सरल बनाएंगे, शिवरात्रि के इस पावन पर्व पर, सबके जीवन में सुख आएगा, शिव की कृपा बनी रहे सब पर,  यही शुभकामना हम देते हैं ||  महाशिवरात्रि की सभी को बहुत-बहुत बधाई|  गरिमा लखनवी

बसंत पंचमी

  पीली चुनर ओढ़ कर आयी ज्ञान की देवी, सूरज ने आंखें खोली चारों ओर फिजा महक गयी,  मौसम ने करवट ली,  सरसों के खेतों में पीली परिधान  बिछ गयी, मां सरस्वती की कृपा से अज्ञानता का अंधेरा दूर हो, ज्ञान बुद्धि और विवेक का मिले ढेर सारा आशीर्वाद, कोयल की  कूक से,  बगिया में बहार आई,  बसंत पंचमी का यह त्यौहार,  सब बच्चों को होता प्यारा,  मां सरस्वती का आशीर्वाद मिले,  यही ध्येेय हमारा, मां तू ही इस चेतन मन में,  करती ऊर्जा का संचार,  तेरी कृपा बरसती रहे,  हम सबका हो उद्धार,  चहूॅ और पीली फिजा करती मन को मनमोहक है, मां सरस्वती का अभिनंदन करें,  उनके चरणों में बंदन करें,  मां के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम|| बसंत पंचमी के सभी को हार्दिक शुभकामनाएं गरिमा  लखनवी

प्यार

  प्यार एक एहसास है,  जो दो दिलों को पास लाता है, प्यार दीवानगी है,  जिसमें दो दिल डूब जाते हैं, प्यार एक पूजा है,  जो राधा कृष्ण की तरह किया जाता है, प्यार एक कशिश है,  जो दो दिलों को एक दूसरे के करीब लाती है,  प्यार एक बरसात है, जो दो दिलों के  अंतर मन को भिगो देती है, प्यार आसमान है,  जो दो दिलों को अपने आगोश में ले लेती है,  प्यार सागर है,  जिसमें दो दिल आकर मिल जाते हैं, प्यार एक फूल है,  जो दिलों में खुशबू फैलाता है, प्यार एक एहसास है, जो दो दिलों को पास लाता है|| गरिमा  लखनवी

धोखा

   आप तो ऐसे न थे,  मगर मेरी किस्मत मुझे कहाँ ले आई, इस दोराहे रास्ते पर मुझे,  मंजिल का पता भी नहीं,  मेरी मंजिल मुझे मिले  या ना मिले,  आपकी बातों पर यकीन करके,  मैंने धोखा खाया है,  अपने आप को पहचानने की हिम्मत, अब मुझमें नहीं बची,  आप ने ऐसा क्यों किया,  क्यों दिया धोखा मुझे?  कह देते में तुम्हारी मंजिल नहीं, तुम्हारी मंजिल कोई और है,  क्या बिगड जाता आपका,  मैं तो यकीन कर लेती,  आप मुझे धोखा न देगें,  पर अब क्या करूँ,  जिन्दगी से उब होने लगी,  समझ में नहीं आता किस पर यकीन करें,  आप से ऐसी उम्मीद तो ना थी,  मुझे क्या पता कि आप ऐसे मतलबी बन जायेंगे।। गरिमा Lucknavi

मेरा चाँद मुझ को नजर आया है

ए चांद तुम धरती पर जल्द आ जाओ,  में सज सवर के तेरा इन्तज़ार करती हूं,  तन मन से मै अपने पिया की मनभावन बाते सुनती हूं,  साल की खट्टी मीठी बातें याद करती हूं,  चाँद के आगोश में बिताए वो सुनहरे पल,  उन पालो को याद कर यही प्रार्थना करती हूं, मेरा चांद रूपी पति हर पल मेरे पास रहे,  मैने उनके लंबी उम्र के लिए व्रत किया है,  पूजा की थाल सजाकर तेरा इन्तज़ार करती हूं,  हर पल हर घड़ी तेरा अह्सास मेरे दिल में है,  जब मै अपने पति के लिए सजती संवरती हूं,  चाँद का दीदार कर पिया के हाथो पानी पीती हूं,  हर पल यही दुआ है हर जन्म में तेरा साथ हो,  सदा सलामत रहे हैं मेरा सिंदूर यही दुआ है अपने चांद से,  मेरी जिन्दगी हर साँस मेरे पिया का है,  मेरा चांद मुझे आया है नजर।। गरिमा लखनवी

यादे

   ये तुमने क्या कह दिया, तुम मुझे याद नहीं करते हो, मेरे दिल के टुकड़े कर दिए, कितने सपने देखे थे हमने,  एक पल में चकनाचूर हो गये,  कहा था तुमने हर बार मुझसे,  साथ कभी छोड़ूंगा नहीं तुम्हारा,  आज लगता है रब भी मुझ से रूठ गया,  जिसे मैने अपना माना,  वो ही दिल को तोड़ गया,  क्या कहु ए दिल तुमसे,  अपने होठों पर मुस्कान ला,  और फिर से याद कर उस रब को,  वहीं सही रास्ता दिखाएगा तुझको।। गरिमा

शास्त्री और गांधी

शास्त्री और गांधी कहा गए, आज आपकी जरुरत फिर भारत माँ  को है, हर तरफ अराजकता का  बोलबाला  है , न शांति है न चैन है माँ के आँचल में, भारत माँ  ढूंढ रही अपने सपूतो को, शास्त्री और गांधी फिर आ जाओ भारत में,  आज आपका जन्मदिन है, इस दिन  भी  अमन चैन नहीं है, मानवता खत्म हो गई इस दुनिया से,  सब एक दूसरे के खून के प्यासे है, पीडितों को न्याय नहीं मिल रहा है,  उनके सपनों को रौंदा जा रहा है,  आओ आज फिर हम सब कसम खाये,  शास्त्री और गांधी का भारत बनाये,  शास्त्री और गाँधी की गाथा सदा अमर रहेगी,  यही उनको जन्मदिन की सही बधाई होगी।। गरिमा लखनवी