हिन्दी

                             

  हिन्दी की शान निराली है,

अपने आप में मतवाली है,

संस्कृत के साथ लाड लड़ाती है,

सुंदर है, सुगम है, मीठी सी है,

अपने आप में यह निराली है,

ओजस्विता का संगम है,

आपस में मैत्री बढ़ती है,

साहित्य की साधना हिन्दी है,

कवियों का गुरुर हिंदी है,

किसी भाषा से इसको बेर नही,

हिंदी सबको  अपना बना लेती है ,

मां शारदा की आराधना हिंदी है,

सबसे महान हिंदी भाषा है,

राष्ट्र के माथे की बिंदी है 

हर  जगह हिंदी अपना वर्चस्व दिखाती हैं,

भारत की शान ही हिंदी है।।

गरिमा लखनवी

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मुझे जाने दो

शादी और मौत में समानता