रक्षाबंधन

 रक्षाबंधन रक्षा +बंधन से मिलकर बना हैं अर्थात एक ऐसा बंधन जो रक्षा का वचन ले इस दिन भाई अपनी बहन की उसके फर्ज का वचन अपने ऊपर लेते है रक्षाबंधन का पर्व सावन माह की पूर्णीमा को मनाया जाता हैं राखी एक ऐसा पर्व हैं जो भवनायो ओौर संवादनाओं से जुडा हैं भाई बहन ही नहीं अपितु गुरू शिष्य संतान अपनी माता पिता को राखी बांधकर उन्हे वचन दे सकते हैं कि वो उन्हे बढापे में वर्धाश्रम में अकेले नहीं छोडेंगे 

       श्रधा ओौर विश्वास से राखी का धागा बांधना चाहिए  ओौर उसके सभी दायित्व को पूरी निष्ठा के साथ पूरा करना चाहिए राखी का बन्धन प्यार के रिश्ते को मजबूत करने का बन्धन हैं  पूरे साल बहने इस त्योहार का इंतजार करती हैं राखी पर सारे गिले शिकवे दूर होते हैं राखी से प्यारा कोई त्योहार नहीं हैं राखी सभी रिश्तो में प्यार घोलने का काम करती हैं  जो भाई रूठे होते हैं  वो भी मान जाते हैं 

     कुछ लोग इसे अनाथ बच्चों को साथ  मनाते हैं उनको भी इस पर्व का महत्व समझाते हैं बच्चों में भी प्यार की भावना आती हैं वो भी रिश्तो को समझते हैं कुछ लोग पेडो को राखी बांधकर उन्हे वचन देते हैं कि हम पेड नहीं कटने देंगे पर्यवारण को बचायेंगे सभी का तारीका भले अलग हो पर भाव एक ही हैं प्यार से सभी को एक धागे में  बांधना राखी पर कुछ पंकित्या इस तरह हैं 

प्यार भरी राखी लेकर आयी बहना 

सबको घर में हसाती 

खुशिया लूटाती  आयी बहना 

राखी का प्यारा त्योहार 

बिन बहना हैं सूना सूना 

मात पिता संग त्योहार मनाये 

सबके घर को महकाये 

पेड पोंघो को बचाये 

इस राखी हर व्यक्ति 

एक वचन उठाये 

अपनी बहना को दे उपहार 

नहीं कटने देंगे पेड इस बार 

प्रकर्ती को बचाना हैं 

राखी का धर्म निभाना हैं 

......गरिमा

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