वृद्धावस्था

 जीवन की आपाधापी में,

क्या खोया क्या पाया हमने, 

आज चलो विचार करे मिल, 

कितने पल हमने साथ बिताएं,

तुम बच्चों के साथ व्यस्त रही, 

हम उनके लालन पालन में, 

कोई सुकून ना पाया हमने, 

आज वहीं बच्चे हमे ना पूछते, 

जीवन की सारी उम्र हम दोनों ने ,

उनके लिए समर्पण कर दी, 

अब हमदोनों एक साथ  बैठ, 

अपनी यादे ताजातरीन कर ले,

जो कुछ जवानी में हमने खोया, 

आज बुढ़ापे में हम हर हसरत पूरी कर ले, 

हम उस दहलीज पर खड़े हुए हैं,

कब कौन बिछुड़ जाए पता नहीं, 

ए मेरे जीवनसाथी यू ही तुम, 

सदा सदा साथ निभाना। ।

Garima Lucknavi

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