करवाचौथ का महत्व

 

साल मे एक दिन ऐसा भी आता है,
जब पति देवता बन जाता है, उस दिन सब महिलाएं सज संवर कर, 
अपने पति को छलनी में देखते हैं,
 पति का सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाता है,
 एक दिन के लिए ही सही,
 मेरी बीवी ने मुझे देवता तो समझा,
 पर वह भूल जाता है, 
मैं तो एक दिन का उल्लू हूं,
 जैसे ही करवा चौथ खत्म होगा,
 फिर वही माहौल होगा,
 एक दिन का उल्लू बनने में,
 पत्नी कितना खर्च करवा लेती है,
 यह बात उसको तब समझ आती है,
 जब करवा चौथ पर समाप्त हो जाता है,
 यही सोचता है सारे दिन,
 हर रोज करवा चौथ क्यों नहीं आता,
 मैं हर रोज उल्लू क्यों नहीं बनता।।
गरिमा लखनऊ

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