सावन में प्रेम की की बूंदे
सावन में जब गिरती है बूँद
तो भीग जाता है तन मन
और नाचने लगता है,
ऐसा लगता है हर तरफ
छाया है प्रेम खुमार
और सभी मस्त है सावन की
फुहारों में,
हर फूल कली कह रही है
सावन में भीगने का मन करता है
प्यार का अहसास होता है
सावन में
हर कोई खुश है
सावन की बूंदों में
नदी सुमंद्र से मिली सावन में
बादल मिले बादलो से
ऐसा लगा दो प्रेमी मिल रहे
इस सावन में
तो भीग जाता है तन मन
और नाचने लगता है,
ऐसा लगता है हर तरफ
छाया है प्रेम खुमार
और सभी मस्त है सावन की
फुहारों में,
हर फूल कली कह रही है
सावन में भीगने का मन करता है
प्यार का अहसास होता है
सावन में
हर कोई खुश है
सावन की बूंदों में
नदी सुमंद्र से मिली सावन में
बादल मिले बादलो से
ऐसा लगा दो प्रेमी मिल रहे
इस सावन में
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