राजनीति
राजनीति का खेल निराला होता है
हर कोई इस खेल का खिलाडी होता है
हर कोई पांच साल का गेम में मस्त
विचार कैसे भी हो
मकसद एक ही है
कोई भी हो पार्टी
सब कर रहे देश को बर्बाद
लूट मार का हो रहा व्यापर
हर तरफ हाहाकार
पांच साल बाद आते है
और झुककर करते है सलाम
और कहते है की हम सा न
कभी हुआ न होगा
जनता है हेरान
क्या होगा इस देश का
कोई नहीं जानता
राजनीति का खेल निराला होता है
हर कोई इस खेल का खिलाडी होता है
हर कोई पांच साल का गेम में मस्त
विचार कैसे भी हो
मकसद एक ही है
कोई भी हो पार्टी
सब कर रहे देश को बर्बाद
लूट मार का हो रहा व्यापर
हर तरफ हाहाकार
पांच साल बाद आते है
और झुककर करते है सलाम
और कहते है की हम सा न
कभी हुआ न होगा
जनता है हेरान
क्या होगा इस देश का
कोई नहीं जानता
राजनीति का खेल निराला होता है
टिप्पणियाँ