विरासत
हमें नदिया फूल
पानी सब मिला विरासत में,
फिर हम इसे क्यों करते है बर्बाद,
ये न हो तो क्या जीवन संभव है
पर हम इन्हें बर्बाद कर रहे है
फिर कोसते है भगवान को
की बारिश नहीं हो रही है
सूखा पड़ रहा है,
जो हमें मिला है उसकी
हम रक्षा नहीं कर पा रहे है,
तो भगवान् को क्यों दोष देते है
जो हमें मिला उसकी रक्षा करे,
और पेड़ लगाये
अपनी विरासत को बचाये
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सादर