लड़की 
लड़की क्या   होती   है 
एक   मोम   की   गुडिया  
जिसने चाह खेला और ठुकरा दिया 
क्या उसका  दिल नहीं होता,
क्या उसके अरमान नहीं होते 
क्यों सभी कहते है वो उसकी मर्जी से चले 
लड़की होना क्या गुनाह है?
तभी तो सभी उसे पसंद नहीं करते 
वो जातना नहीं जानती,
वो तो बस देना जानती है 
फिर भी सभी उसे गलत 
तरीके से देखते है,
बस उसे सबकी बात माननी है 
उसके दिल का हाल कोई नहीं समझता 
क्यों क्या उसके मर्जी नहीं होती 
लोग कब समझेंगे की 
लडकियों में भी जान होती है,
और उन्हें भी जीने का हक़ है 
  
  
     
 
  
 

टिप्पणियाँ

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…
बहुत बढ़िया


सादर

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