किसान


किसान खेत में हल चलाता 
कितनी मेहनत से फसल उपजाता,
फिर भी क्यों रहता है भूखा 
ये कोई समझ न पाता,
क्यों उसके बच्चे जीते 
तंग हाल जिन्दगी 
जब की अगर किसान न हो 
तो सब रह जाये भूखे,
पर कोई समझ न पाता,
उसका दर्द वो है क्यों दुखी 
सब उसको मिलकर लूटते,
वो न कह पाता किसी से
सारे दिन हल जोतता,
पर वो न हो पाता सुखी
क्या वो इन्सान नहीं नहीं 
कोई क्यों नहीं समझ पाता

 
      
 
 

टिप्पणियाँ

Ramakant Singh ने कहा…
सारे दिन हल जोतता,
पर वो न हो पाता सुखी
क्या वो इन्सान नहीं नहीं
कोई क्यों नहीं समझ पाता
jiwan se judi jiwan ke karib
apanon ki kahani kahata.
sarthak post .

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