तलाश

किसकी तलाश है पता नहीं

कौन है पता नहीं

शायद कोई हवा है कोई

या आने वाला है कोई

नहीं जानती हूँ में

पर लगता है कोई दवे पाव आ रहा है

मेरी और

कौन है शायद मेरी मौत

किसकी तलाश है मुझे

जो पूरी नहीं हुई

लगता है कोई सुख

या नन्ही see हंसी

जो मन को खुश कर rehi है

मेरी तलाश पूरी हुई

यमराज मुझे लेने आया है

और मेरी तलाश पूरी हुई

वहा भी सब दुखी है

पर मुझे लगता है की सुख

और दुःख इसी जीवन में मिलते है

sawrag और narak इसी दुनिया में है

मेरी तलाश पूरी हुई

तलाश थी मौत की

जो यमराज लेकर चले गए


टिप्पणियाँ

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…
बहुत मार्मिक लिख दिया है इस बार!


सादर
Naveen Mani Tripathi ने कहा…
और दुःख इसी जीवन में मिलते है

sawrag और narak इसी दुनिया में है
adhyatmik soch ke sath jeevan ka ak darshan bhi ......sundar rachana Garima ji

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्वप्न बिकते है

मुझे जाने दो

राखी का बंधन