संदेश

सिजोफ्रेनिया

   सिजोफ्रेनिया  एक गंभीर मानसिक विकार है जो एक व्यक्ति की सोच, धारणाएं, भावनाओं और गंभीर व्यवहार में गड़बड़ी की विशेषता को चिन्हित करता है अर्थात व्यक्ति के मतिभ्रम , भ्रम और अव्यवस्थित सोच और व्यवहार का मिश्रण है। मतिग्रम मतिभ्रम में ऐसी चीजे देखना और आवाजे सुनना शामिल है जो इसरो द्वारा नही देखी जाती। भ्रम भ्रम में ऐसी चीजों के बारे में दृढ़ विश्वास शामिल होता है जो सच नहीं होती है शिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोग वास्तविकता से संपर्क हो सकते हैं जिससे दैनिक जीवन बहुत कठिन हो सकता है।   असंगत विचार विचारों को व्यवस्थित करने या तर्कसंगत तरीके से सोने में कठिनाई होना। भावनात्मक लक्षण यथा उदासी, उदासीनता और भावुकता रहेगा लोगों से दूर रहना और सामाजिक गतिविधियों से बचते हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के व्यवहार में बदलाव आ जाता है। सिजोफ्रेनिया किस कारण होता है क्या यह पता नहीं चल पाया परंतु शोधकर्ताओं का मानना है कि अनुवांशिकी मस्तिष्क रसायन और पर्यावरण का मिश्रण इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों का आमतौर पर 16 से 30 वर्ष की आयु के बीच विकृति क...

आंखें

तुम्हारी आंखें बहुत नशीली हैं, उसमें डूब जाने को मन करता है, तुम्हारी आंखों से संसार देखने का मन करता है, तुम्हारी आंखों में मैंने गहरा प्यार देखा है, तुम्हारी आंखों में मैंने अपने लिए चाहत देखी है, तुम्हारी आंखों में मैंने डर भी देखा है, अगर मैं न मिली तो क्या होगा, तुम्हारी आंखें आज नम क्यो हैं, तुम्हारी आंखें क्या क्या कह गई, तुम्हारी आंखों में मैंने सपने देखे है, तुम्हारी आंखें मुझे मदहोश बनाती है, तुम्हारी आंखें जीना सीखाती है, तुम्हारी आंखें जीवन के रहस्य बताती है, तुम्हारी आंखें ही मेरा जीवन है।। गरिमा लखनवी
 आप हमे क्या मिले जिंदगी बदल गई, आपका प्यार हमेशा बरसता रहा, एक दूसरे को समझ कर आगे बढ़ते रहे, आई बहुत बाधाएं आपका सहयोग मिलता रहा, आपके साथ हमेशा यूं ही बरसता रहे, हर मौसम आपका अहसास रहे, आपका साथ हो तो जिंदगी बहुत खूबसूरत है, आप से ही साज श्रृंगार हैं, हर दिन होली रात दिवाली हैं, हम तो आपकी परछाई हैं, आप जहां होंगे हम वहीं होंगे, हम दोनों का प्यार यूं ही महकता रहे, आप मेरी जिन्दगी की सुहानी किताब हैं, आप मेरे चांद में आपकी चांदनी हूं, जिंदगी में कभी साथ ना छोड़ना, हर पल हर घड़ी आपका प्यार हमेशा बरसता रहे।। वैवाहिक वर्षगांठ की बहुत-बहुत बधाई  गरिमा लखनवी

पर्यावरण दिवस

  आओ मिलकर पेड़ लगाए, इस धरती को स्वर्ग बनाए, होगी जब  चारों ओर हरियाली, तो धरती लगेगी प्यारी, पेड़ पौधे बहुत काम आते, पेड़ न हो तो बारिश ना हो, धरती पर त्राहि त्राहि मच जाए, पेड़ो पर पंछी की आवाज मन को लुभाती हैं, हे मनुष्य तुम क्यों पेड़ काट रहे हो, इस हरी भरी धरती को बाँझ क्यों बना रहे हो, आओ हम सब ये आज प्रण लें, हम सब पेड़ लगाएंगे, इस धरा को स्वर्ग बनाएंगे।। गरिमा लखनवी

योग दिवस

  21 जून को हम योग दिवस मनाते है, क्या एक दिन ही योग दिवस करना चाहिए, रोज योग करने से शरीर स्वस्थ रहता हैं, मन भी एकाग्र रहता हैं, प्रणायाम करने से हमको मिलता लाभ, योगा सेहत के लिए वरदान होता हैं, एक दिन योग करने से लाभ नहीं मिलता है, रोज रोज योग करने से डॉ के पास नहीं जाना होता है, योग के अभ्यास करने से कोई रोग नहीं होता हैं, शरीर लचीला फुर्तीला होता है, एक दिन योग न कर सारे साल योग करे, योग साधना से हमें जीवन को दिशा मिलती हैं, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बहुत बहुत बधाई।। गरिमा लखनवी

नर्स दिवस

  मैं एक नर्स हूँ, मैं दूसरे का जीवन बचाती हूं, सारे गम छुपाकर मैं मरीजो को हंसाती हूँ, बस यही मेरा काम है,  खुद से ज्यादा मरीजों की फ़िक्र करती हूँ, रात दिन की परवाह नहीं करती हूं, मां की तरह फ़र्ज़ निभाती हूँ, बीमारी में जब कोई साथ न देता, तो मे निस्वार्थ भाव से सेवा करती हूँ, मुझे लेडी विद द लैंप कहा जाता है, डॉक्टर अगर जरूरी है तो नर्स भी जरूरी हैं, ऑपरेशन के दौरान अगर नर्स न हो तो क्या ऑपरेशन पूरा हो जाएगा, नर्स का जीवन बहुत महान होता है, सभी नर्सों को मेरा प्रणाम है।। नर्स दिवस की बहुत बहुत बधाई  गरिमा लखनवी

दीवानी

  मैं तेरी दीवानी हूँ, हां मैं तेरी दीवानी हूँ , कभी खुद से कभी सबसे बेगानी हूँ । रोके कोई आज मुझे दिल लगाने से,  सांसे भी खत्म न ही ऐसी दीवानी हूँ।  रोक सके कोई मुझे तुमसे मिलने से, ऐसी किसी में हिम्मत नहीं मैं तेरी दीवानी हूं। लाख जमाना दुश्मन बने पाँव में जंजीर डाले , सारे जंजीरों को तोड‌कर तुझसे मिलने आईं हूँ। चाँद कहता है मुझसे तुम मदमस्त हो,  चाँद को क्या पता मैतेरी दीवानी हूँ।। गरिमा लखनवी