करगिल दिवस

 

26 जुलाई को हम करगिल दिवस मनाते हैं,

आओ हम सब मिलकर उन वीर जवानों को याद करे,

जिन्होंने करगिल की चोटी पर झंडा फहराया था, 

क्या कहें उन बहनो को,

जिनकी राखी खाक हो गयी, 

उन माँ की क्या व्यथा कहूँ,

जिनकी गोद सूनी हो गयी ,

क्या कहूँ उन दुल्हन को,

जिनकी सेज युद्ध भूमि हो गई, 

अगर जवान ना सीमा पर डटे रहे, 

तभी चैन से हम सोते हैं, 

जाड़ा गर्मी हो या बरसात, 

सीना ताने खड़े रहते हैं, 

बर्फ हो या रेगिस्तान, 

दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए, 

नमन है उन वीर जवानों को, 

जिनके हाथों में हम सुरक्षित है, 

मेरा शत शत प्रणाम है जवानों को ।।

गरिमा लखनवी

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मुझे जाने दो

शादी और मौत में समानता