धोखा
जीवन में बहुत धोखे मिलते हैं,
जिन्दगी ही धोखा लगने लगती हैं,
अब क्या शिकायत करू तुझसे ए जिन्दगी,
हर समय हमे धोखा ही मिला,
हमने दोस्ती की तो लगा एक सच्चा दोस्त हमे मिला,
उसने भी अपने स्वार्थ के लिए दोस्ती की,
हमे बीच रास्ता में धोखा देकर चला गया,
हमने प्यार किया वो भी धोखा देकर चला गया,
अब किस पर ऐतबार करे,
धोखा खाकर तबीयत भी खराब कर ली,
हॉस्पिटल गए तो जिन्दगी ने धोखा दे दिया,
यमराज के पास गए तो वहा भी धोखा मिला,
आना किसी और को था और धोखे से हम आ गए। ।
गरिमा लखनवी
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