रंगीन शाम

शाम जब होती है,
बहुत रंगीन होती है।
ढलती हुई शाम भी कुछ कहती है,
परिंदे भी घर को जाते है,
शाम एक आनंद लेकर आती है।
दिन भर की थकान दूर हो जाती है,
जिंदगी में भी एक शाम आती है,
जब हम बूढ़े होते है,
फिर याद आती है,
हर एक उस पल की,
जब हम बच्चे  थे,
कैसी कैसी शरारते करते थे,
हर वह बात याद आती है,
जिंदगी की उस शाम तुम भी बहुत याद आ रहे थे,
जब वारिश मेरा तन मन भिगो रही थी,
कह रही थी यह शाम यही ठहर जाए,
मैं जी लूं कुछ और देर,
क्या पता कब जीवन की शाम हो जाए।।
गरिमा



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