देहज प्रथा
दुल्हन की डोली उठी
सज धज वो सुसराल चली
देहज का दानव संग् चला
जाते ही सुसराल वाले
तंग करने लगे
क्या लायी हो बहू घर से
वो बोलो प्यार लायी हु
कहा है पैसा और सामान
वो तो नहीं है मेरे पास
हुआ मानवता का अंत
सब मिल करे अत्याचार
और जिन्दगी की साँस टूट गयी
एक अबला लड़की फिर रूठ गयी
रूठी अपने जीवन से
हो गया अंत
देहज का दानव खुश हुआ
हुई उसकी जीत
हरा एक पिता बेचारा
क्या था उसका गुनाह
की एक लड़की अ जनम हुआ
उसके घर,
क्या लड़की होना गुनाह है?????????????
सज धज वो सुसराल चली
देहज का दानव संग् चला
जाते ही सुसराल वाले
तंग करने लगे
क्या लायी हो बहू घर से
वो बोलो प्यार लायी हु
कहा है पैसा और सामान
वो तो नहीं है मेरे पास
हुआ मानवता का अंत
सब मिल करे अत्याचार
और जिन्दगी की साँस टूट गयी
एक अबला लड़की फिर रूठ गयी
रूठी अपने जीवन से
हो गया अंत
देहज का दानव खुश हुआ
हुई उसकी जीत
हरा एक पिता बेचारा
क्या था उसका गुनाह
की एक लड़की अ जनम हुआ
उसके घर,
क्या लड़की होना गुनाह है?????????????
टिप्पणियाँ
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की एक लड़की अ जनम हुआ
उसके घर,
क्या लड़की होना गुनाह है?
.......सुंदर संवेदनशील प्रस्तुति