जिंदगी का तजुर्बा
क्यूँ जिंदगी ने आज हरा दिया,
आँसू की तरह नजरो से गिरा दिया
जिंदगी तो पल पल कल कल रगो में बहती थी
चेहरे ही नहीं अपनी तो पलके भी हँसती थी
फिर उसका दामन छूटा कैसे
सांसो से जुड़ा रिश्ता टूटा कैसे
जीवन हार जीत नहीं महज संघर्ष है
हम है ! रहेंगे इसका ही हर्ष है
बजूद मिटता नहीं है एक हार से
जिंदगी मिटती नहीं गमो के मार से
आओ खुद का नव निर्माण करे
अपने आप का खुद से सम्मान करे
जिंदगी अपने आप ही फिर से संवर जायेगी
सफलता अपने आप ही फिर से सर झुकायेगी
गरिमा
आँसू की तरह नजरो से गिरा दिया
जिंदगी तो पल पल कल कल रगो में बहती थी
चेहरे ही नहीं अपनी तो पलके भी हँसती थी
फिर उसका दामन छूटा कैसे
सांसो से जुड़ा रिश्ता टूटा कैसे
जीवन हार जीत नहीं महज संघर्ष है
हम है ! रहेंगे इसका ही हर्ष है
बजूद मिटता नहीं है एक हार से
जिंदगी मिटती नहीं गमो के मार से
आओ खुद का नव निर्माण करे
अपने आप का खुद से सम्मान करे
जिंदगी अपने आप ही फिर से संवर जायेगी
सफलता अपने आप ही फिर से सर झुकायेगी
गरिमा
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