प्यारा हिन्दुस्तान

आजादी मिले समय हुआ
फिर भी भारत न आज़ाद हुआ
माँ भारती है आज भी गुलाम
न बहनो का है सम्मान हुआ
मेरे प्यारे देश में हम हुए है गुलाम
न रोटी है न कपडा है और न ही है मकान
खून खराबा चोरी लूट
इसमें है हम नंबर एक
जाति धर्म पर लड़ना आया
पर जाति धर्म किसने बनाया
जो जवान है उनका होता है अपमान
मिट जायेंगे देश पर ये होते है जवान
प्यारा देश हमारा है
इसकी शान बढ़ाना है
दुनिया को सही राह दिखाना है
हिंदुस्तान को फिर से सोने की खान बनाना है
देश हमारा प्यारा प्यारा
हमें  सब बुराई से आज़ाद कराना है
माँ भारती के कदमो में
आज़ादी की मशाल जलाना है
भय भूख भस्ट्रचार  से
अपने प्यारे देश को आज़ाद कराना है
काम कठिन है लम्बी डगर है
माँ के सम्मान को फिर से बचाना है
-गरिमा 

टिप्पणियाँ

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28-01-2017) को "आया बसंत" (चर्चा अंक-2862) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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