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आसमान

आसमान  नीला होता है, कितना विशाल होता है इतना विशाल जिसके नीचे सभी समा जाते   है  ऐसे  ही  मन  होता है  जो सब कुछ समेटे होता है आसमान की तरह दुःख हो या सुख  सब कुछ छुपा लेता है जब प्रक्रति  अपना रंग  बदलती है तो सब बदल जाता है आसमान नीला से काला हो जाता है जब दुःख आता है तो, मन  दुखी हो जाता है सब कुछ काला लगता है अच्छी  बाते  भी बुरी लगती है तो  कितनी समानता है मन और आसमान में

नशा

नशा  क्या  है?   नशा  जो  सब  पर  सवार होता है  एक नशा जो शराब का होता है  और एक जो काम का होता है, काम का नशा सबको  होना चाहिए और  सारे नशा बेकार  है , लोग अपनी जिन्दगी धुँए  में  उड़ा देते है  और कहते है इसके  नशे  में जिन्दगी  गुजार देंगे  नशा  तो जिन्दगी का  होना चाहिए अगर जिन्दगी धुएं  में उड़ा दो तो  क्या लाभ इस जिन्दगी का  नशे से बहार आये  और जिन्दगी   को हसीन बनाये