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चाँद की शीतलता का महत्व

चाँद की शीतलता का अपना अहसास होता है, चाँद खो जाता है पर अपना अहसास छोड़ जाता है चाँद की चमक कभी फीकी नहीं होती, चाँद का होना ही मीठा अहसास कराता  है चाँद की चांदनी में खो जाने को मन करता है, चाँद की चमक में अपने आप को भूल जाने का मन करता है  चाँद अपने अहसासों को धरती से बाँटता है , चाँद की शीतलता का अपना अहसास होता है चाँद की शीतलता में  खो जाना चाहता हूँ, चाँद से बाते करना बहुत अच्छा लगता है चाँद जब धरती पर देखता है तो बहुत ख़ूबसूरत लगता है चाँद की शीतलता का अहसास बहुत सुखद होता है चाँद को देखकर अपने दुःख दर्द भूल जाना चाहता हूँ चाँद की गहराइयों में डूब जाना चाहता हूँ, चाँद में अपनी मुहब्बत को ढूँढ़ता हूँ चाँद में दाग है तो क्या हुआ, चाँद मे अपनी  मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ चाँद की शीतलता में खो जाना चाहता हूँ गरिमा 

हम चुप है

चुप रहने में समझदारी है, इसलिए हम चुप है, पत्थर बोलना चाहते है, पर इंसान चुप है हर तरफ मारामारी है, हम चुप है जिंदगी तकलीफ देती है, हम गम को सहते हुए चुप है पढाई का बुरा हाल है, बच्चो का न कहकर हम चुप है दहेज का बोलबाला चारो ओर है, पर हम चुप है मौसम का बुरा हाल है, हम पर्यावरण पर चुप है हर तरफ कालाबाजारी है, पर हम चुप है देश के नेता लूट रहे है, पर हम चुप है भूख से जनता मर रही है, पर हम चुप है किसान हमारे लुट रहे है, हम चुप है हम चुप ही रहेंगे हमेशा, मुँह खोले तो यही बोले की सरकार चुप है गरिमा 

प्यार पर क्या लिखू

प्यार पर क्या लिखू ये समझ नहीं आता है जीत लिखू या हार  लिखू या अपना प्यारा संसार लिखू खिलती हुई धूप  लिखू या ठंडी ठंडी बयार लिखू बारिश की बूंदो का प्यार लिखू या मेघो का गर्जन लिखू सावन की हरियाली लिखू या धरती आकाश का मिलन  लिखू सागर की गहराई लिखू या धरती का प्यार लिखू माँ बच्चो का प्यार लिखू या माँ की डॉट का दुलार लिखू पापा का प्यार लिखू या उनका आशीर्वाद लिखू बेटी की विदाई लिखू या ससुराल में सास का प्यार लिखू भाई बहन का लाड लिखू या उनका तकरार लिखू प्यार पर क्या लिखू रात की ख़ामोशी में सिसकती आवाज़ लिखू या रात में चांदनी की शीललता लिखू क्या लिखू में प्यार में अपने दिल का हाल लिखू गरिमा 

अटल तुम बहुत याद आओगे

आप  क्या गए सारा जग सूना हो गया ऐसा लगा सर से साया चला गया, आप हमको बताते थे नयी राह सारा जहा सूना सा हो गया, अब किसका मनाएंगे हम जन्मदिन वो सितारा जो तारा सा हो गया, जिसके जाने से रोई सारी  कायनात वो अटल हमारा  सा हो गया, समय तो रेत की तरह से फिसलता है हर वक्त करुण रुदन हमारा हो गया, अब किसकी आवाज़ हमें दिलायेगी जोश जो सबसे प्यारा था वो भगवन सा हो गया, आज तो देवताओ में लगी होगी होड जो भगवन देवताओ को प्यारा हो गया , आँख रो रही रही है, दिल में हाहाकार आज  जो हमारा प्यारा था वो भगवान का भी प्यारा हो गया, सूर्य भी स्तब्ध है उसकी मौत देखकर वो अटल हमारा संसार से विदा हो गया, अश्रुपूर्ण श्रदांजलि गरिमा

अश्रूपूर्ण श्रद्धांजलि अटल जी को

धरती रो रही है, आसमां रो रहा है , धरती से आज एक युग पुरुष विदा हो गया!! धरती रो रही है , आसमां रो रहा है, कितना प्यारा होगा वो युग पुरुष , कितना न्यारा होगा वो , जिसके लिए सम्पूर्ण राष्ट्र उसे बिदाई दे रहा है !! धरती रो रही है, आसमां रो रही है!! सब के दिलो में राज करने वाला , सब के दिलो में बसने वाला वो इंसान , आज उसके जाने से एक युग समाप्त हो गया है !! धरती रो रही है, आसमां रो रहा है, हम सबका एक प्यारा राजनेता , जो करता था सबके दिलो में राज, विपक्ष भी जिनका करता है सम्मान, ऐसा  है वो शख्स  महान, जिसके जाने से रोया पूरा हिन्दुस्तान !! धरती रो रही है,आसमां रो रहा है , धरती से एक युग पुरुष विदा हो गया !! अश्रुपूर्ण श्रदांजलि  -गरिमा 

सावन का सुहाना मौसम

सावन के  मौसम में तेरी यादो का आना उस पर बारिश  में भीग जाना पुरवाई की सोंधी सोंधी खुशबू  हर तरफ की फ़िज़ा महका रही है सावन की बूंदे ने छेड़ी है सरगम  मन के कोने में तेरी  यादो का आना मन के हर कोनो को महका जाना मेघो का गरजना और तेरा मेरी  बाहो में लिपट जाना सावन में लगता है प्यारा  सारी फ़िज़ाए धुली धुली नज़र आती है फूलो की खुशबु सारे जहा में फैल जाती है नींद उड़ जाती है चैन खो जाता है सावन में तेरी याद बहुत आती है सावन में काली बदिरा की राते भी प्यार का अहसास करा रही है सावन का भीगा भीगा मौसम बीते हुए लम्हो की याद दिला रहा है सावन की मौसम में तेरी यादो का आना मेरे मन के हर कोनो को महका रहा है -गरिमा

पिता का जीवन में महत्व

संघर्ष का दूसरा नाम है पिता बचपन से जो हमें सपने दिखाए वो है पिता ऊँगली पकड़कर जो चलना सिखाये वो है पिता हमारी जागीर और जमीर है पिता ऊपर से डाट दिखाता और अंदर ही अंदर रोता वो है पिता जाग कर सारी  रात ख्बाब बुनता वो है पिता जिसने यह हरा भरा संसार दिखाया वो है पिता अच्छे बुरे  का ज्ञान कराया वो है पिता सही गलत का रास्ता दिखाया वो है पिता मंजिलो को छूना सिखाया वो है पिता अपनी जरूरतों को काटकर हमारी मांगो को पूराकर हसंता रहता वो है पिता जब डर  लगे तो हिम्मत दिखाए वो है पिता जो सपने हमने देखे उनको पूरा करने मैंने करता मदद वो है पिता अपनी जवानी बच्चो पर लुटाता वो है पिता हमारा वजूद बताता वो है पिता भगवान से बढ़कर होता है पिता अपने दुःख को छुपाकर बच्चो को हसाता वो है पिता अगर पिता न हो तो सूना है सँसार माँ बाप के चरणों में ही स्वर्ग का अहसास है पिता की महानता को शत शत  प्रणाम है -गरिमा 

शराब जरुरी है क्या

शराब पीना जरुरी है क्या? ये एक बेटी अपने पापा से पूछती है घर की कलह से परेशान होती बेटी माँ को सिसकता देख परेशान होती बेटी अपनी पढाई का हर्जा होते देख परेशान  होती बेटी पापा से पूछती है आप की शराब जरुरी है क्या? आप इन पैसो से हमारे  लिए दूध मिठाई ला सकते है भाई बीमार है उसे दिखा सकते है आपकी शराब के लिए माँ के जेवर बिक गए आप की तबियत खराब रहने लगी हमें पापा का प्यार नहीं मिला मिला तो बस आपकी मार क्या हमें हक़ नहीं की हम पापा का प्यार पा सके हम भी पापा के साथ घूम सके आप जब आते हो तो आपसे बात करने में डर  लगता है माँ के पास सहम जाते है पापा में अनाथ नहीं होना चाहती हु में जिंदगी  में कुछ करना चाहती हूँ पापा हम लोगो के लिए पीना छोड़ दो हम आपके साथ जीना चाहते है पापा शराब बहुत बुरी लत है मेरी बात मान ले  शराब को छोड़ दे -गरिमा 

मेरी तलाश पूरी हुई

जीवन में एक तलाश थी जो आज पूरी हो गयी कुछ ख्वाब सजाये थे मैंने जो तेरे आने से पूरे हो गए न जाने क्यों तुम दूर थे मुझसे अब तो आ जाओ मेरे पास जीवन में तुमने बहुत कुछ सिखाया तुम न होते तो क्या थी जिंदगी अब किसी की परवाह नहीं बस अब याद है तेरी जीवन में जो तलाश थी मेरी अब वो पूरी हो गयी जीवन में बहुत कुछ सह लिया जो प्यार की कमी थी वो पूरी की तुम्ही ने तुम्ही ने समझा तुम्ही ने जाना तुम्ही ने मुझ को जीना सिखाया तुम न होते तो में क्या थी तुम्ही मेरे सब कुछ हो अब दुनिया की न रही परवाह तुम्हे पाकर मैंने जाना मेरी तलाश पूरी हो गयी -गरिमा   

जीवन क्या है?

जीवन प्रभु की एक सुन्दर रचना है जीवन गीता का उपदेश है जीवन संघर्ष का दूसरा नाम है जीवन चमकता सितारा है जीवन दुःख की परछायी है जीवन सुख की छाँव है जीवन गर्म हवा का झोका है जीवन ठण्डी हवा का झोका है जीवन गीत है संगीत है जीवन करुण रोदन है जीवन प्यार की हवा है जीवन वियोग की सजा है जीवन यादो का झरोका है जीवन तपता सोना है जीवन बहुत प्यारा है जीवन सपनो का मेला है जीवन एक मीठी आस है जीवन जीने का प्रयास है जीवन एक ख़ुशी है जीवन में हर कोई दुखी है -गरिमा

बेटी नहीं पराया धन नहीं

बेटी पावन दुआएँ है माँ की आस है बेटी पापा का दुलार है बेटी जो आने अपर थकान उतार  दे बेटी ऐसी भोली सी पहचान है बेटी बेटी न हो तो घर है  सूना घर की पहचान है बेटी हर रंग में रगने वाली सबके दिलो की जान है बेटी फिर क्यों बेटी को न समझा जाता क्यों पैरों से रोंदी जाती क्यों उनका दर्द न समझा जाता जब होती है वो विदा घर से क्यों पापा का दिल भर जाता ससुराल में क्यों नहीं समझा जाता बेटी बहु बनते ही क्यों उनका मान न होता बेटी और बहु में क्या अंतर बेटी जब होती पापा के घर में तो माँ क्यों कहती बेटी है पराया धन बेटी कभी परायी न होती दोनों घर का मान है बेटी बेटी को न समझो कम सबका है मान है बेटी गरिमा

इंसान बटता चला गया

धरती अम्बर एक सी लहू भी सबका एक का सा फिर भी इंसान क्यों बटता चला गया सरहदे बट गयी दिलो पे लकीरे खिच गयी फिर भी इंसान बटता  चला गया धर्म बट गया जाति बात गयी खून सबका लाल ही रहा सब एक ही है धरती के लाल है पर सबके दिल में अंगार है क्यों नफरत बढ़ रही है दिलो में सब इससे परेशान है इंसान क्या करे बेचारा वो भी परेशान है कितना बाँटो गे दिलो को नफरत के जंजीर से क्यों नहीं घोलते सबके दिलो में प्यार की जंजीर उस प्यार से रंग जाये सबके दिलो में घर कर जाये राम अल्लाह की जमी को मुस्कराहट से भर जाये न बाँटो तुम इंसान को न बाँटो  तुम भगवान को गरिमा 

मैं नारी हूँ

में आधुनिक नारी हूँ स्वाभिमान से जीती हूँ खुद्दारी है जीवन में डर  का कोई नाम नहीं है परुषो से आगे आयी हूँ हर काम में लोहा मनवाया है खेलो में ही या हिमालय पर हर जगह अपना परचम लहराया है हर घर की शान हूँ मैं हर घर की पहचान हूँ मैं मेरे बगैर यज्ञ न होते न कोई पूजा होती पूरी नारी एक शक्ति है इसको क्यों नहीं मान लेते छाए हो व्यापार करना या हो राजनीती की बात हर जगह है मेरी पहचान नर नारी कदम मिलाकर चलते ऐसी मेरी वाणी है नारी एक चिंगारी है गरिमा

प्यारा हिन्दुस्तान

आजादी मिले समय हुआ फिर भी भारत न आज़ाद हुआ माँ भारती है आज भी गुलाम न बहनो का है सम्मान हुआ मेरे प्यारे देश में हम हुए है गुलाम न रोटी है न कपडा है और न ही है मकान खून खराबा चोरी लूट इसमें है हम नंबर एक जाति धर्म पर लड़ना आया पर जाति धर्म किसने बनाया जो जवान है उनका होता है अपमान मिट जायेंगे देश पर ये होते है जवान प्यारा देश हमारा है इसकी शान बढ़ाना है दुनिया को सही राह दिखाना है हिंदुस्तान को फिर से सोने की खान बनाना है देश हमारा प्यारा प्यारा हमें  सब बुराई से आज़ाद कराना है माँ भारती के कदमो में आज़ादी की मशाल जलाना है भय भूख भस्ट्रचार  से अपने प्यारे देश को आज़ाद कराना है काम कठिन है लम्बी डगर है माँ के सम्मान को फिर से बचाना है -गरिमा