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नया साल नयी आशा

नया साल आ रहा है नयी आशा ला रहा है नए सपने मन को लुभा रहे है लगता है कुछ नया होने वाला है ठण्ड बढ़ती जा रही है चारो तरफ नए साल की धूम है अमीरो का नया साल मनता है होटलो में. गरीबो का मनता है फुटपाथों पर नयी आशा यही है की दूरी मिट जाएगी नया साल नयी आशा लेकर आया है प्यार का रंग होगा देश में सबके चेहरे पर होगी ख़ुशी आने वाला साल ख़ुशी अपार लाये ढेरो सौगात लाये हम डूब जाये उन खुशियों में नफरत की दीवार न रहे सबके बीच में नयी ऊर्जा का प्रकाश हो हर कोई मस्त हो नए साल में कोहरे में लिपटी जिंदगी नए साल का इंतजार कर रही है नया साल नया खुशियाँ ला रहा है -गरिमा 

बचपन की यादें

बचपन की यादे कितनी अच्छी होती है आज उन यादो को ताजा करना अच्छा लगता है कहा खो गया वो बचपन वो हसीन दिन जब न होती थी कोई फ़िक्र खेल में जिंदगी के दिन बीतते थे न पढ़ने की फ़िक्र न कुछ करने की फ़िक्र पापा की डाट खाना माँ का लाड सब बहुत याद आता है अब सब कुछ कही खो गया है न वो बचपन रहा और न वो लाड रहा वो स्कूल जाना और माँ के हाथ का पराठा खाना सब कुछ याद आता है बड़ो के बाते सुनना उस को हसी में उड़ाना फुर्सत में दादी से कहानी सुनना सब बहुत याद आता है अब न वो नानी दादी की कहानी रही न वो माँ के हाथ का पराठा रहा न वो लाड रहा सब कुछ टीवी मोबाइल पर सिमट कर रह गया है माँ के हाथ के खाने ने फ़ास्ट फ़ूड ने ले ली है बचपन बहुत याद आता है -गरिमा

महिला दिवस

शक्ति का रूप है नारी प्रेम की छाँव है नारी ठंडी हवा का प्यार है नारी सेवा का भाव है नारी विस्वास का नाम है नारी कठिन समय में सही रह दिखती है नारी प्यार का भाव जगती है नारी हर रूप में हर हाल में खुश रहती है नारी सबको खुशिया देती है नारी जीवन का नया पाठ  पढ़ाती है नारी जीवन अधूरा है नारी बिन सबको राह  दिखाने वाली लुटती है नारी क्यों है इसके सब दुश्मन क्यों छीन लेते है इसकी खुशिया प्यार और दुलार क्यों नहीं मिलता शक्ति को इसकी पहचान नहीं मिलता जीवन में खुशिया है नारी संग नारी तू पहचान अपने में शक्ति को जान अपने में खुशिया है अपार तेरे में प्रणाम है तुझको -गरिमा

प्यास

प्यास बुझ जाती है एक घूट पानी से जो न बुझती है प्यास वो है मृगतृष्णा की जीवन है छलावा ये पता है सबको फिर भी जीने की प्यास है सबको दौलत शोहरत की प्यास बहुत तेज होती है मानवता को मार रिश्तो का खून करती है नए नए संसाधन को जुटाने में लगे है सभी पर माँ पिता को पूछने की प्यास नहीं लगती है किसी को सब मस्त है बाहरी दुनिया में मरने का सच किसी को जानने की न होती है प्यास हर समय बेटो की प्यास होती है बेटी  की प्यास न होती किसी को नेताओ को होती है कुर्सी की प्यास अभिनेता को होती है ख्याति की प्यास बाबाओ को होती है भक्तो  की प्यास भक्तो को होती है दुःख मिटने की प्यास दुःख सुख के चक्कर में जो फॅसा उसे लगती है सहनभूति की प्यास मन को जगा और बना ले भक्ति की प्यास प्रेम करो  और प्रेम रुपी रौशनी की प्यास को जगाओ और पूरे समाज में प्रेम  जगाओ गरिमा 
प्याऱ हीँ ज़िन्दगी है वो प्यार चाहें पिता का हो  या किसी और  का  पिता से बड़ा कोई नहीं है  पिता आसमान है जिसकी  छाया में हम बड़े होते है  पिता हमें सही मार्ग दिखाता है  जिस पर चलकर हम आगे बढ़ते है  अपना सुख भूलकर हमें सुख देता है  ऐसे पिता को जब बच्चे भूल जाते है  उनको कितनी पीड़ा होती है  पिता का बड्डपन देखो   वो तब भी अपने बच्चो से गिला नहीं करता  पिता बहुत महान होता है  सभी पिताओ को मेरा प्रणाम  -गरिमा 

धूप और छाँव

धूप और छाँव की  लुकाछिपी कितनी अच्छी लगती है धुप में जब थक जाओ छाँव शीतलता देती है धूप जीवन का कठोर समय है छाँव ढलती शाम है हे मानव ! तुम धूप से क्यों घबराते हो कठिन परिश्रम करके तुम अपना भाग्य बनाते हो छाँव में जब तुम सबके साथ अपना समय बिताते हो कितना अच्छा लगता है धूप छाँव का ये समय जीवन का सच है धूप छाँव का खेल -गरिमा 

शादी

   शादी कितनी अच्छी होती है सात फेरो का बंधन, सात बचन का महत्व पर आज शादी  क्या हो गयी है? शादी हुई नहीं की बीबी पति को अपने साथ रखना चाहती है शादी का मतलब सिर्फ मौज मस्ती रह गया है बड़ो का लिहाज़ रह नहीं गया क्या हो गया है आज सबको शादी के बाद लोग थोड़े दिन तो सही रहते है फिर सबके अहम् टकराने लगते है आज कल की लडकिया भी काम करना चाहती है दोनों लोगो का अहम् जब टकराता है तो मामला गड़बड़ हो जाता है शादी का लड्डू जो खाये पछताए जो न खाये पछताए शादी मन का रिश्ता है जिसे प्रेम से निभाना होता है -गरिमा 

प्यार ही जीवन

प्यार ही जिंदगी है, प्यार ही हर रंग  है, प्यार ही मंदिर है, प्यार ही देवता है , पर आज इस प्यार से सब महरूम है प्यार कहा खो गया पता नहीं माँ बेटे के प्यार , पिता पुत्री की प्यार , भाई बहन का प्यार, बहुत कम हो गया सब पैसे के पुजारी हो गए प्यार तो हवस मात्र रह गयी हर रिश्ता गन्दा हो गया पैसा ही प्यार बन गया पैसा न हो तो पति को पत्नी  अच्छी  नहीं  लगती पिता को पुत्र अच्छा नहीं लगता सब पैसे के पुजारी हो गए प्यार तो बस अब फिल्मो और टीवी में रह गया है इस प्यार को कहा ढूँढे ए दिल बता जरा  प्यार ही जीवन है ये सच  है कहा -गरिमा

बर्फ की जिंदगी

बर्फ की जिंदगी कितनी कठिन होती है हर समय पत्थर  बने रहना, धूप की जब किरणे परी तो पिघलना शुरू हो गया बर्फ से मिलती जिंदगी है रिश्ते  जिनको हम बर्फ की तरह कठोर बना देते है हम अपनी मै में खो जाते है कोई भी बड़ा अपनी धूप  रुपी बुद्धि देना भी चाहे, तो हम लेना नहीं चाहते क्यों? क्योकि हम बर्फ की तरह कठोर हो जाते है तो हमें सबकी बात खराब लगती है रिश्ते पूछते है की क्या हम इसी तरह जमे रहेंगे ? क्या कोई गर्मी इन रिश्तो  पिघला पायेगी हर घर में बर्फ जमी है कोई नहीं चाहता की सूरज की रौशनी पड़े और रिश्तो पर पड़ी बर्फ पिघलने लगे -गरिमा

नया साल कुछ ऐसा हो

नया साल में नयी चीजे हो भारत से भूख गरीबी दूर हो पेप्सी कोला बंद हो बर्गर पीजा बंद हो सब लोग भारतीय भोजन करे महँगाई घटे बेतन बढे लोगो में भाईचारा हो भाई भाई से न  लड़े प्यार ही प्यार बढे लड़की की हत्या न हो बहू कोई जलाई न जाये बहू को बेटी समझा जाये सांसद लड़ाई न करे जनता को बुद्धू न बनाये जनता का हित सब सोचे उनके दुःख  दर्द सब समझे बेटा माँ पिता को माने बहू  सास को माँ माने सब तरफ प्यार ही प्यार फेले  ऐसा नया साल हो मेरा -गरिमा