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ससुराल एक इम्तहान

ससुराल एक इम्तहान है जिससे सबको गुजरना है हर लड़की या लड़के का ससुराल होता है, सास  हिटलर के समान  होती है ससुर हर घाव  पर मरहम लगाते है ननद   तो घर की रानी होती है, जो बहू को नौकरानी समझती है देवर के  कहने  वो तो पूरे घर लाडला होता है बहू  जो आती है बड़े अरमानो से उसे गुजरना होता है हर इम्तहानों से अगर फेल हुई किसी इम्तहान में तो यही  कहा जाता है मायके में कुछ सिखाया  नहीं, क्यों लगती है ये तोहमत ससुराल में जितना भी कर ले बहू उसे गुजरना होता है हर इम्तहान से गरिमा