नया सवेरा

नया सवेरा आया
बहुत सारी  खुशियाँ  लाया
पर्वत पर छायी लाली
दुनिया में एक नया दिन आया
सब तरफ छायी खुशियाँ
नया सवेरा आया
सबके घर  में आने वाली ढेर सारी खुशियाँ
भागेगा अँधेरा आयेगा उजाला
सबको मिलेगी अपनी मंजिल
गरीबी जायेगी सबके हाथो होगी तरक्की
नया सूरज लाया अपार खुशियाँ
बच्चो को मिली उनकी खुशियाँ
सबको मिला पढ़ने का अधिकार
देश का दिन भी है बदलने वाला
नया सूरज सबके लिए लाया
ढेरो खुशियाँ
हर तरफ है खुशियाँ बिखरी
सबके आँगन महका
नया सवेरा आया

टिप्पणियाँ

Rajendra kumar ने कहा…
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (31.10.2014) को "धैर्य और सहनशीलता" (चर्चा अंक-1783)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।
नया सवेरा हमेशा अपने संग नवऊर्जा और आशाएँ लेकर आता है
बहुत सुन्दर रचना !
Rishabh Shukla ने कहा…
very nice.

http://hindikavitamanch.blogspot.in/

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