बचपन

प्यारा बचपन न्यारा बचपन
और  कितना दुलारा बचपन
रोते  है हम चुप होते है
फिर  सपनो में खो जाते है,
परियो  की रानी आती है
खूब हसाती खूब खिलाती
कितना सुखमय बचपन
न  कोई चिंता न परशानी
सुनते  हम राजा की  कहानी
नानी दादी हमें सुनाती
हम न सोते  वो सो जाते
कितना भोला बचपन
बाते छोटी छोटी कहते 
सब सुन हस देते
प्यार  सभी को मिलता
ऐसा प्यारा बचपन
बचपन सुखमय होता है
प्यारा और दुलारा बचपन 

टिप्पणियाँ

Rajendra kumar ने कहा…
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति 22-11-2013 चर्चा मंच पर ।।

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