नारी सहने का नाम नहीं
नारी सहने का नाम नहीं है, नारी जननी है,नारी रक्षक है, अगर नारी न यह दुनिया बेगानी है, फिर भी क्यों होते जुल्म होते नारी पर पुरुषो का शिकार बनती है नारी पर फिर भी सहती है माँ, बेटी, बहन, भाभी है अनेको रूप इसके नारी को जाता है पूजा पूजा फिर भी कलयुग में रहे है सितम इस पर क्या जन्म इसलिए है नारी का इसे सताया जाये जलाया जाये कब तक सहेगी नारी क्यों भगवान ने बनाया सहनशील नारी नारी सहने का नाम नहीं है अब एक चिंगारी है नारी ब