सावन

सावन आया बारिश लाया
तपती गर्मी से राहत  लाया
पेड़ पॊधे सब भीग गए
और हरियाली छा गयी
सब को मिली राहत गर्मी हुई गायब
सावन की बूंदों में कितना अपनापन होता है
मन नहीं रहता बस में
मिलने को  करता है,
सुंदर  सपने आते है
सावन में,
सब होते कितने खुश
सावन में होता मन इतना प्रफुलित
हर तरफ हरियाली की चादर ओढ़े
धरती ने ओढ़ी चुनरिया
हर कोई मस्त है सावन की बूंदों में
सावन की  होती बात निराली
हर कोई डूब जाना चाहता है सावन के मौसम में

टिप्पणियाँ

अभिषेक पाण्डेय ने कहा…
बेहद शानदार... कविता ...

हर कोई मस्त है सावन की बूंदों में
सावन की होती बात निराली
हर कोई डूब जाना चाहता है सावन के मौसम में

उक्त पंक्तियाँ बिलकुल सजीव सी हैं।
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।

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