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मई, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पर्यावरण

  आज समय  कह रहा है पर्यावरण बचाओ, पेड़ पॊधे कट रहे है वो विच्रारे कह रहे है मुझे मत काटो पर कोई  सुन रहा उनकी जब  गर्मी जयादा  पड़ती है तो ढूंढते सब पेड़ की छाव पर कट रहे है पेड़ हमारे सुख  रही है नदिया   बन रहे है पत्थरों के शहर जब   तक रहेंगे पेड़ हमारे मिलती रहेगी छाव  हमें हम   जा रहे है पर्यावरण से दूर जो देता है हमें  शीतलता पर हम न पॊधे लगाये तो कैसी  धरती  हमारी ये तो सोचो जीवन है उसमे जिसे हम काट रहे है उसका दर्द कौन  समझे न कह पाए कोई वो किसी से आओ हम संकल्प ले की हमें पेड़ लगाना है तभी  होगी धरा  सुंदर और बचेगा पर्यावरण  

गर्मी

 खिड़की  से  झाकता   सूरज  तपती  धरती आये  पसीना गर्मी   की  है बात  निराली  सब  होते घरो में बंद  और लेते आम का  मजा ना पढने की झंझट, ना  स्कूल जाना सूरज  देव ने  आखे  खोली  सबको  मिला उजाला सब करते मिल कर धमाल गर्मी में सब  खाते  आइसक्रीम हर मौसम  का  अपना मजा गर्मी हो सर्दी