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नदी

नदी  बहती है  दो किनारे को  नहीं छू पाते दोनों किनारे   बहते रहते है, नदी का काम  है बहना  शांत तरीके से  नदी और जीवन कितनी सामान   है  जीवन भी इसी तरह बहता है  कितने भी तूफ़ान आ जाये  बस लड़ता रहता है  जैसे नदी में तूफ़ान आ जाते है  फिर भी वो बहती रहती है  तूफानों से लड़कर  उसी तरह जिन्दगी है  हर तूफ़ान का सामना करती है  हिम्मत नहीं हारती है   नदी से सीखना  होगा हमें  की हिम्मत नहीं हराना कभी  चाहे जो भी हो जाये  नदी की तरह शांत से बहते रहना है 

नारी तुझे प्रणाम

जीवन भर  सहती सजा यही तेरी है व्यथा नहीं तेरे मन में  कोई   पाप करती  तू सबको माफ़ तेरा जीवन सागर से महान,    चलते  रहना  तेरा काम     घर  को  तुम स्वर्ग बनाती रिश्तो को भी तुम  सजाती जैसे हो दिया की बाती पर फिर भी क्यों समझ  नहीं पाते तेरी को क्यों अबला बताते तो है जननी तू है महान खुद को भुलाकर जीती है सबके खुश  में खुश होती है अपने दर्द छुपाती  है फिर भी क्यों नहीं समझ पाते नारी की महानता को ऐसी नारी को मेरा प्रणाम 

वैलेंटाइन दिवस

फिजा का रंग बदलने लगा है हर तरफ प्यार का रंग छाने लगा है, सब पर छाया है प्यार  का खुमार हर कोई है  बेक़रार   करने को इज़हार अपने प्यार का पर प्यार क्या प्रेमी प्रमिका का ही होता है प्यार का इज़हार तो हम कर सकते है अपने माँ पिता जी  से, अपने भाई बहन से अपने गुरु से किसी से भी क्या वैलेंटाइन का मतलब प्रेमी प्रेमिका  का प्यार ही होता है, अगर इस बार सब ये संकल्प ले की वैलेंटाइन दिवस पर हम करेंगे अपने देश से प्यार तो होगा इस दिन का सम्मान

वक़्त नहीं है

  पत्नी  का  गाना  सुन   सकते  है ,     माँ   की लोरी  सुनने का   वक़्त नहीं है मोबाइल पर  बाते कर    सकते है दोस्तों के लिए वक़्त नहीं है, सारा दिन घूम सकते है पर पिताजी के लिए वक़्त नहीं, सिनेमा  देख सकते है पर पढने के लिए वक़्त नहीं, ऑफिस  में गप मार सकते है पर काम  के लिए वक़्त नहीं, बहस कहो तो   कर सकते है  पर समाधान के लिए वक़्त नहीं, दूसरो की गलती निकल सकते है पर अपनी गलती ढूँढने के लिए वक़्त नहीं, कब आएगा वो वक़्त  हम कर पाएंगे सारा काम ये भी बटने के लिए हमारे पास वक़्त नहीं

मेरा मन

मेरा मन करता है कि आसमान में उड़ जाऊ, हाथ से छुकर नन्ही नन्ही कलियों को, जो खिलना चाहती है  उनको  लेकर उड़ जाऊ नन्ही नन्ही बूंदों को समेट कर पानी का सुमंदर बनाऊ और उसमे कागज की नाव चलाऊ मेरा मन करे की आसमान से तारे तोड़कर एक छोटा सा घर बनाऊ पर क्या ये संभव है? मेरा मन करे की पानी के साथ खेलू, और मन करे की उड़ जाऊ आसमान में पर ये एक कल्पना है  ऐसा होता   नहीं है मेरा मन करे