खुशी को  ढूँढना 
खुशी को कौन पा पाया है
आज सभी दुखी है 
और नकली हंसी लगये घूम रहे है,
और बड़ा घर, पैसे, बड़ी कार 
पर  क्या खुशी  इसमें मिलती है,
ये बड़ा कठिन सवाल है 
खुशी तब मिलती है 
जब हम किसी की होठो पर 
ला सके मुस्कान 
जब आप किसी भूखे 
इन्सान को खाना खिलाये
तब   मिलती है खुशी 
पर आज की दुनिया में
कोई नहीं पोछता किसी  
के आसूं 
तो नकली खुशी से सब खुश है 
क्यों नहीं पाते सच्ची खुशी 

   

 
 

टिप्पणियाँ

विभूति" ने कहा…
भावों से नाजुक शब्‍द...

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्वप्न बिकते है

मुझे जाने दो

राखी का बंधन