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स्वप्न बिकते है
स्वप्न बिकते है बोलो खरीदोगे कोई रोजगार का स्वप्न बेचता तो नेता महगाई कम करने का गरीबी हटाने का साधू बेचते है भगवान को पाने का कहते है कई लोग हम आपको बना देंगे अमीर, हर कोई स्वप्न में है डूबा अभी आ रहे है चुनाव सब को यही लालच है हम बन जाये अमीर कोई काम नहीं करना चाहता कंपनी कहती है मेरा सामान खरीदो तो तुम्हे मिलेगा सोना का सिक्का पर जनता है मुर्ख वो ये नहीं समझती कोई अपने घर से कुछ नहीं लाता सब जनता से करते है स्वप्न बिक रहे है सब सपनो में जीते है क्या होगा नोजवानो का जो इन दिवास्वप्न में जीते है स्व्प्न बिकते है बोलो खरीदोगे
टिप्पणियाँ
सादर
sawrag और narak इसी दुनिया में है
adhyatmik soch ke sath jeevan ka ak darshan bhi ......sundar rachana Garima ji